गुजरात विधान सभा चुनाव में इस बार नए -नए रंग देखने को मिल रहे हैं. कल तक कांग्रेस के साथ जाने वाले गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने सोमवार को बनासकांठा ज़िले की वडगाम सीट से पर्चा भर कर सबको चौंका दिया हैं. हैरानी की बात यह है, कि अभी वडगाम सीट कांग्रेस के पास है. जिग्नेश ने सभी विपक्षी दलों के समर्थन मिलने की उम्मीद जताई है.
उल्लेखनीय है कि दलितों के लिए आंदोलन करने वाले जिग्नेश मेवाणी का कांग्रेस की वर्तमान सीट से चुनाव लड़ने का फैसला अचरज भरा है. इस बारे में जिग्नेश ने कहा कि इसके लिए हमारे पर जन दबाव था. मूलतः आंदोलनकारी होने से असमंजस में थे. पाटीदार समुदाय और ठाकोर समुदाय का कहना था कि अल्पेश ठाकोर चुनाव लड़ रहे हैं, हार्दिक पटेल नहीं लड़ रहे तो गुजरात की जनता आपको विधानसभा में देखना चाहती है. इसलिए पर्चे भरने के अंतिम दिन वडगाम सीट से लड़ने का फ़ैसला किया. उनका दावा है कि ठाकोर, दलित, मुस्लिम और सभी का जन समर्थन है.
बता दें कि जिग्नेश मेवाणी गुजरात में 22 साल की बीजेपी की तानाशाही संघर्ष करने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं. आम आदमी पार्टी ने जिग्नेश को बधाई देते हुए उनके खिलाफ अपना उम्मीदवार ख़िलाफ़ खड़ा नहीं करने की घोषणा की है. बहुजन समाज पार्टी भी शायद अपना उम्मीदवार खड़ा न करे. ऐसे में जिग्नेश सब विपक्षी पार्टियों से समर्थन मिलने की उम्मीद लगा रहे हैं. लेकिन हकीकत में क्या होगा यह तो नतीजा ही बताएगा.
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