रिलायंस जियो ने ग्राहकों के लिए सम्पूर्ण कम्यूनिकेशन तकनीक वाली कंपनी स्थपित की है जो केवल सिर्फ चीनी कंपनियों को 5G सर्विस के लिए मुश्किल पैदा कर सकती है आगामी दिनों में देश के हैंडसेट मार्केट में चीन की कंपनियों के वर्चस्व को टक्कर देंगे. सच्चाई यह है की रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने जिस प्रकार देश के सभी 2G सेवा लेने वाले मोबाइल यूज़र्स को 4G व 5G में बदलने से जुड़ा बयान दिया है उसको समझने के बाद ऐसा लगता है की मौजूदा टेलीकॉम कंपनियों के लिए मार्केट में प्रतिस्पर्धा और कड़ी हो सकती है. यही कारण है कि जियो के एलान को एक तीर से दो निशाने लगाने की बात कही जा रही है.
जियो के अफसरों का कहना है कि उनकी कंपनी की तरफ से लॉन्च किया जाना वाला नया हैंडसेट संभवत: विश्व का प्रथम हैंडसेट होगा जिसके हार्डवेयर से लेकर सॉफ्टवेयर तक इक्विटी शेयरधारक कंपनियों ने निर्मित किया होगा. नए मोबाइल डिवाइस का मूल हार्डवेयर क्वालकॉम और इंटेल बनाने वाली है जिसमे ऑपरेटिंग सिस्टम गूगल का होगा. माना जा रहा है कि google इसके लिए अलग से एक खास एंड्रायड ऑपरेटिंग सिस्टम निर्मित करेगी. facebook और watsap भी अपनी तरफ से सहायता करेंगे. उक्त सभी कंपनियां रिलायंस जियो की भागीदारी कंपनियां हैं.
इन सभी कंपनियों को एक साथ लाने के पीछे का कारण भारत के 35 करोड़ यूज़र्स का विशाल 2G मार्केट है. ये यूज़र्स अभी तक फीचर फोन उपयोग कर रहे हैं. कंपनी सोच कर चल रही है कि लगभग 6-8 करोड़ 2G यूज़र्स को आसानी से 4G स्मार्टफोन यूज़र्स में तब्दील किया जा सकता है जो उन सभी कंपनियों के लिए बिल्कुल ही एक नया मार्केट होगा.
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