पटना: बिहार की महागठबंधन सरकार से अपनी राहें अलग करने के बाद हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख नेता और पूर्व सीएम जीतनराम माँझी ने बुधवार (21 जून) को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठक की। इस मुलाकात के बाद माँझी भाजपा (BJP) की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में वापस आ गए। दिल्ली में गृह मंत्री से मुलाकात के दौरान जीतनराम माँझी के साथ उनके बेटे और HAM के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन माँझी भी उपस्थित रहे। यह मुलाकात तक़रीबन 45 मिनट तक चली। इस दौरान केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और बिहार से भाजपा नेता नित्यानंद राय भी उपस्थित रहे।
इस बैठक के बाद संतोष सुमन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, 'किन-किन मुद्दों पर हम साथ रहेंगे, इसको लेकर बिंदुवार चर्चा हुई। ये सब होने के बाद हम लोगों ने औपचारिक रूप से ये सहमति जाहिर की है कि आज से हमलोग NDA के साथ रहेंगे और आगे की रणनीति हम लोग साथ मिलकर तैयार करेंगे।' संतोष ने कहा कि, 'कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा, यह बाद की बात है। हम लोग भाजपा के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव में उतरेंगे। सीटों का जो भी विभाजन होगा, वह सम्मानजनक होगा।' उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी एक स्थापित नेता हैं और विरोधी दल अभी प्रधानमंत्री का चेहरा ही खोज रही है।
बता दें कि, जीतनराम माँझी मंगलवार (20 जून 2023) को ही बिहार के गवर्नर राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर से मिलकर नीतीश सरकार से अपना समर्थन वापस लिया था। इसके बाद पूर्व सीएम माँझी अपने बेटे के साथ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलने के लिए दिल्ली पहुँच गए थे। इस समय बिहार में HAM के चार विधायक हैं। दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्ट में जानकारी सामने आई थी कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार जीतनराम माँझी पर HAM का JDU में विलय करने का दबाव डाल रहे थे। इसके बाद संतोष सुमन ने 13 जून 2023 को बिहार सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इस बीच नीतीश कुमार ने मांझी को लेकर यह कहा था कि वे महागठबंधन में रहकर भाजपा के लिए मुखबिरी कर रहे थे।
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