नई दिल्ली: कोरोना टीकाकरण सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर को लेकर अब विरोध की आवाज़ बिहार से भी उठने लगी हैं. यहां इस बात का विरोध किसी और ने नहीं बल्कि भाजपा की ही सहयोगी जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) ने किया है. पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने ट्विटर पर लिखा है कि, ''वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर यदि तस्वीर लगाने का इतना ही शौक़ है तो कोरोना से हो रही मृत्यु के डेथ सर्टिफिकेट पर भी तस्वीर लगाई जाए. यही न्याय संगत होगा.'' हालांकि बाद में मांझी ने यह ट्वीट हटा दिया.
बिहार में भाजपा की सहयोगी पार्टी HAM का कहना है कि 'डेथ सर्टिफिकेट पर भी पीएम मोदी की तस्वीर होनी चाहिए. वाहवाही लूटें आप, गाली सुने कोई और ...अब ये नहीं चलेगा.' HAM के प्रवक्ता दानिश रिज़वान ने कहा है कि संवैधानिक संस्थाओं के सुप्रीमो राष्ट्रपति होते हैं. इसलिए टीकाकरण के सर्टिफिकेट पर उन्हीं की तस्वीर होनी चाहिए. कुछ लोग कह रहे हैं कि लोगों में भरोसा जगे, इसलिए पीएम मोदी की तस्वीर लगाई जा रही है, किन्तु सरकारी आंकड़ा है कि अब तक 1 फीसदी दलित आदिवासियों ने भी टीका नहीं लगवाया है.
दानिश रिज़वान यानी उनमें वैक्सीन को लेकर खौफ है, ऐसी परिस्थिति में राष्ट्रपति की तस्वीर लगाई जानी चाहिए, क्योंकि वो दलित हैं और उनकी तस्वीर से दलितों में भरोसा जगेगा.
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