पटना: बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने एक बार फिर शराबबंदी पर सवाल खड़े किए हैं। दो दिन पहले थोड़ी-थोड़ी शराब पीने की वकालत करने वाले मांझी ने अब कहा है कि रात में बड़े लोग शराब पीकर चुपचाप सो जाते हैं और प्रतिष्ठित व्यक्ति कहलाते हैं, जबकि हमारे समाज के लोग भूख से व्याकुल होकर पाउच (अवैध शराब) पी लेते हैं और सड़क पर उतर आते हैं, जिसके बाद उन पर कार्रवाई होती है।
इसके साथ ही पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने एक बार फिर थोड़ी थोड़ी शराब पीने की वकालत करते हुए कहा था कि कम मात्रा में शराब पीना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। उन्होंने कहा था कि दो पैग शराब पीना स्वास्थ्य के लिए ठीक है, अधिक शराब पीना नुकसान देह है। मांझी ने कहा कि शराब को दवा के रूप में लिया जाए, तो यह ठीक है, मगर जब इसकी लत लग जाती है तो यह खराब है। उन्होंने कहा कि कम मात्रा में पी गई शराब मेडिसिन की तरह काम करती है।
जीतनराम मांझी ने कहा कि बड़े-बड़े लोग रात में शराब पीते हैं। यहां किसी का नाम लेना सही नहीं है। वे लोग शराब पीकर सो जाते हैं तो वह लोग प्रतिष्ठित कहे जाते हैं। किन्तु हमारे लोगों को तो खाना भी नसीब नहीं होता है। ऐसे लोग शराब का एक पाऊच लेता है तो इधर-उधर गिरते फिरते है। लोग भी उनके बारे में गलत बातें करते हैं। हम ऐसे लोगों को समझाते हैं, जैसे बड़े लोग रात को पी कर सो जाता है, वैसे तुम लोग भी किया करो और फिर सुबह तरोताजा होकर जगो और अपने काम में लगा करो।
असली शिवसेना किसकी ? शिंदे और उद्धव के सियासी भविष्य पर अब चुनाव आयोग करेगा फैसला
शराब घोटाले में बुरे फंसे केजरीवाल ? नहीं दे पा रहे भाजपा के सवालों का जवाब
'यह वाद-विवाद, अहंकार और गुस्से का समय नहीं है', मार्गरेट अल्वा ने ममता बनर्जी से कही ये बड़ी बात