गुवाहाटी: ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित मशहूर असमी साहित्यकार नीलमणि फूकन का आज गुरुवार (19 जनवरी) को आयु संबंधी बीमारियों की वजह से देहांत हो गया। वह 90 साल के थे। अस्पताल सूत्रों ने इस बारे में जानकारी दी। उनके परिवार में पत्नी, दो पुत्र और एक पुत्री हैं। फूकन को सांस लेने में समस्या के बाद बुधवार को एक स्थानीय अस्पताल में एडमिट कराया गया था। बाद में उन्हें गौहाटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एडमिट कराया गया था।
असम के सीएम हिमंत विश्व शर्मा ने मशहूर कवि के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है। उन्होंने एक बयान में कहा है कि, काव्य ऋषि नीलमणि फूकन उज्ज्वल साहित्यिक सितारों में शामिल थे, जिन्होंने असमी साहित्य को समृद्ध किया और उनके योगदान को सदा याद किया जाएगा। शर्मा ने शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा है कि उनके देहांत से ऐसी क्षति हुई है जिसकी भरपाई कर पाना मुश्किल होगा।
सीएम सरमा ने कहा कि फूकन का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। फूकन को साहित्य में उनके समग्र योगदान के लिए साल 2021 का ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया गया था। वह बीरेंद्रनाथ भट्टाचार्य और मामोनी (इंदिरा) रायसम गोस्वामी के बाद असम में ज्ञानपीठ पुरस्कार पाने वाले तीसरे शख्स थे।
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