नई दिल्ली: देश के जाने माने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म के अध्ययन के लिए सेंटर स्थापित करने का ऐलान किया है। ‘सेंटर फॉर हिन्दू स्टडीज’, ‘सेंटर फॉर जैन स्टडीज’ और ‘सेंटर फॉर बुद्धिस्ट स्टडीज’ की स्थापना को लेकर JNU ने बाकायदा अधिसूचना भी जारी कर दी है। 29 मई, 2024 को ही एग्जीक्यूटिव काउंसिल की मीटिंग में इस फैसले पर मुहर लग चुकी थी। ‘स्कूल ऑफ संस्कृत एन्ड इंडिक स्टडीज’ के तहत इन तीनों सेंटरों को स्थापित किया जाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार, यूनिवर्सिटी ने एक समिति का गठन किया था, जिसे इस मामले पर काम करने के लिए कहा गया था। इस समिति को जिम्मा सौंपा गया था कि वो ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020’ और भारतीय ज्ञान पद्धति को विश्वविद्यालय में लागू कराने के तरीके खोजे। अब शुक्रवार (12 जुलाई, 2024) को इस संबंध में अधिसूचना जारी हो चुकी है। उल्लेखनीय है कि JNU वामपंथी छात्रों द्वारा देश विरोधी नारेबाजी के मामले में भी सुर्ख़ियों में आ चुका है, यहाँ भगवा जलेगा, फ्री कश्मीर, ब्राह्मणों कैंपस छोड़ो, बदला लिया जाएगा, JNU फिर जंग का मैदान बनेगा, ब्राह्मण-बनिया भारत छोड़ो, जैसे नारे देखने को मिल चुके हैं।
बता दें कि इससे पहले दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) भी ‘सेंटर फॉर हिन्दू स्टडीज’ की स्थापना हो चुकी है। इसके तहत मास्टर्स डिग्री का कोर्स शुरू किया गया है और जल्द ही स्नातक डिग्री लाने का भी प्लान है। DU में पहले से ही बौद्ध धर्म की पढाई को लेकर केंद्र है, वहीं इसे अब ‘सेंटर फॉर एडवांस्ड स्टडीज इन बुद्धिज़्म’ की स्थापने के लिए केंद्र सरकार से 35 करोड़ रुपए भी जारी किए गए हैं। भारतीय धर्म, पंथों, इतिहास एवं संस्कृति के अध्ययन को युवाओं के बीच पॉपुलर बनाने ये कदम उठाया जा रहा है।
हाल ही में JNU के छात्र संगठन ने जानकारी दी है है कि यहाँ ‘वॉटर कलेक्शन सेंटर्स’ की भी स्थापना की जा सकती है। इसके साथ ही चेक डैम्स की भी स्थापना की जाएगी। परिसर में पानी की कमी को लेकर छात्रों की काफी समय से शिकायत रही है। दिव्यांग छात्रों के लिए मौजूद सुविधाओं और समस्याओं को लेकर एक ऑडिट भी कराया जाएगा। एक संविदा पर बहाल कर्मचारी की ख़ुदकुशी के बाद कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर भी कदम उठाए जा सकते हैं। कुलपति शांतिश्री D पंडित से मिल कर छात्रों ने कई समस्याओं से उन्हें अवगत कराया है।
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