वसीयत के बारे में तो हर कोई जानता है. वसीयत यानि अधिकतर अंतिम समय में सामने आने वाली चीज़ है जिसके बारे में हमने सुना है. लेकिन आज हम आप को ऐसी वसीयत के बारे में बता रहे हैं जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे. इस अनोखी वसीयत में एक परिवार को मिली है समाज सेवा. अब ये कैसी समाज सेवा है इसके बारे में आपको बताने जा रहे हैं.
तो आपको बता दें, इस अनोखी वसीयत में एक परिवार को मिली है समाज सेवा वह भी पानी में डूबते को बचाने की सेवा. जिसको जोधपुर के दाऊलाल मालवीय इस सेवा को बखूबी कर रहे हैं. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि जोधपुर के दाऊजी दाऊलाल मालवीय पिछले 50 साल से डूबने वालों को बचा रहे हैं. अगर पानी मे कोई डूब रहा हो तो प्रशासन भी दाऊलाल को ही याद करता है. अच्छी बात ये है कि बिना जान माल की चिंता किए निस्वार्थ भाव से यह शख्स अपनी टीम के साथ हर समय मौजूद रहते है.
वहीं दाऊलाल अब तक हजारों लोगों को तैरने का भी प्रशिक्षण दे चुके हैं ताकि कभी कोई पानी में गिर जाएं तो अपनी जान बचा सकें. इतना ही नहीं, उन्होंने आर्मी और पुलिस के जवानों को भी निशुल्क विशेष प्रशिक्षण दिया है. मालवीय की इस सेवा के लिए उन्हें कई अवार्ड भी मिल चुके है. मालवीय के पिता विष्णुदास ने कइयों का जीवन बचाया था. उन्होंने अपनी वसीयत में लिखा था कि मेरे पुत्र और पौत्र यह मानव सेवा निशुल्क करते रहें, इससे बड़ा धर्म कोई नहीं है. इसी के बाद दाऊलाल ये काम कर रहे हैं. अब 50 साल से मालवीय अपने पिता की इसी आखिरी इच्छा को परम धर्म मानकर अपने पुत्रों और पोतों के साथ मानव सेवा में जुटे हैं.
तो इस कारण एक ही क्रम में नहीं होते कीबोर्ड के Keys