जो बाइडेन बोले- अफगानी फ़ौज ही तालिबान से लड़ना नहीं चाहती, तो अमेरिकी सैनिक क्यों अपनी जान गंवाएं

जो बाइडेन बोले- अफगानी फ़ौज ही तालिबान से लड़ना नहीं चाहती, तो अमेरिकी सैनिक क्यों अपनी जान गंवाएं
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वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफगानिस्तान के हालिया संकट और आतंकी संगठन तालिबान द्वारा काबुल पर कब्ज़ा किए जाने के बाद बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वो और उनकी टीम पूरी गतिविधियों पर निगाह रखे हुए है। उन्होंने याद किया कि किस तरह 9/11 के दोषियों को पकड़ने के लिए अमेरिका 2001 में अफगानिस्तान में दाखिल हुआ था, ताकि अलकायदा अमेरिका के खिलाफ अफगानिस्तान की धरती का उपयोग न कर सके।

बाइडेन ने कहा कि अमेरिका अपने लक्ष्य में सफल रहा और अलकायदा को एकदम सीमित कर दिया गया। उन्होंने याद किया कि किस तरह ओसामा बिन लादेन के लिए अमेरिका ने खोज जारी रखी और अंत में उसे मार गिराया। उन्होंने कहा कि एक दशक पहले की बात है। उन्होंने कहा कि अमेरिका का अफगानिस्तान मिशन कभी वहाँ एकीकृत व केंद्रीयकृत लोकतंत्र की स्थापना या फिर देश का निर्माण करने के लिए नहीं था।

अमरीकी राष्ट्रपति ने आगे कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिका के मिशन का केवल और केवल एक ही लक्ष्य था – अमेरिका पर होने वाले हमले को रोकना। उन्होंने कहा कि वो हमेशा से ही इसके पक्षधर रहे हैं कि हमारा मिशन आतंकवाद के खिलाफ हो, विद्रोह को दबाना या राष्ट्र निर्माण करना नहीं। उन्होंने कहा कि अमेरिकी फ़ौज को वापस बुलाने का इससे अच्छा कोई वक़्त नहीं है। उन्होंने इसे एक सही फैसला बताते हुए कहा कि जो युद्ध अफगानिस्तान की फ़ौज भी नहीं लड़ना चाहती है और बिना लड़े ही हथियार डाल रही है, वहाँ अमेरिका की सेना जाकर क्यों अपनी जान गँवाए? 

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