मुंबई: महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के बाद शनिवार (23 नवंबर) को दिन के लगभग एक बजे नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार और शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे ने साझा प्रेस कांफ्रेंस की। एनसीपी प्रमुख पवार ने साफ़ किया कि बीजेपी को समर्थन देने का फैसला अजित पवार का निजी फैसला था और पार्टी भाजपा के विरुद्ध है। दिलचस्प बात यह रही कि अजित पवार के साथ गए कुछ MLA शरद पवार के साथ बैठे हुए नजर आए।
उनमें से एक MLA राजेंद्र शिंगणे ने प्रेस वार्ता में अपनी बात रखी। शिंगणे ने कहा कि अजित पवार के साथ गए विधायकों को शपथ ग्रहण के बारे में कोई अंदाजा नहीं था। एनसीपी विधायक राजेंद्र शिंगणे ने कहा कि, ''अजीत पवार ने मुझे किसी बात पर चर्चा करने के लिए बुलाया था और वहां से मुझे अन्य विधायकों के साथ राजभवन ले जाया गया। इससे पहले कि हम लोग कुछ समझ पाते शपथ ग्रहण समारोह पूरा हो गया। मैं पवार साहब के पास गया और उनसे कहा कि मैं आपके और एनसीपी के साथ हूं।''
वहीं शरद पवार ने दावा किया है कि देवेंद्र फडणवीस बहुमत सिद्ध नहीं कर पाएंगे. हम सब एकजुट हैं. अजित पवार के पास जो पत्र था, उसमें सभी 54 विधायक दस्तखत थे. शरद पवार ने कहा कि आज शाम की मीटिंग में आगे पर अंतिम फैसला होगा. हम जो फैसला लेंगे, वो शिवसेना की सहमति के बगैर नहीं लेंगे. मुझे कोई चिंता नहीं है पहले भी मेरे साथ ऐसा हो चुका है. हमें गवर्नर ने 30 नवंबर तक का समय दिया है. हमारे पास नंबर है और हम ही सरकार बनाएंगे.
जम्मू कश्मीर के विभाजन के बाद अब दो केंद्र शासित प्रदेशों का विलय करेगी मोदी सरकार, ये है प्लान
केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शिवसेना को लिया आड़े हाथ, कहा- देख तमाशा...