1. "मशहूर हुए वो जो कभी क़ाबिल ना थे और तो और….
कमबख़्त मंजिल भी उन्हें मिली जो दौड़ में कभी शामिल ना थे"
*रामनाथ कोविन्द को समर्पित
-आडवाणी जी की कलम से ( दो पैग मारने के बाद)
2. आजकल घर मे बीवी भी बात-बात में GST बोलने लगी है.
घर में कैसी भी बहस चल रही हो वो GST बोल कर बहस को ख़त्म कर देती है.
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तंग आकर मैंने पूँछ ही लिया : "ये तुम बात करते-करते बीच में ही GST बोल कर चल देती हो…क्या मतलब है तुम्हारा ??"
और उसका जवाब सुनते ही मैं सर पकड़ कर बैठ गया.
G : गलती
S : सिर्फ
T : तुम्हारी है
3. एक औरत अपने आशिक के साथ घूम रही थी,
इतने में उसका पति आ गया और उसके आशिक को पीटने लगा ,
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औरत : "मार साले को, अपनी बीवी को घुमाते नहीं,
दुसरो की बीवी को घुमाने ले आते है."
इतने में आशिक को जोश आया और वो उसके पति को पीटने लगा…
औरत : "मार साले को… ना खुद घुमाने ले जाता है और ना किसी और को घुमाने देता है."
"जय महिला विभाग की"
4. बात पते की-
शराबी चाहे कितना भी अनपढ क्यों न हो,
Quarter के तीन पेग ऐसे बनाता है...
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जैसे किसी प्रयोगशाला का बहुत बड़ा Scientist हो.