नई दिल्ली: इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा उर्फ़ सैम पित्रोदा एक बार फिर विवादों में घिरे हैं। हाल ही में उनके एक कार्यक्रम के दौरान इंडिया टुडे के पत्रकार रोहित शर्मा के साथ मारपीट की घटना सामने आई, जिस पर पित्रोदा ने खुद को अनजान बताया। उनका कहना है कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है और पत्रकार को पहले उनसे बात करनी चाहिए थी, बजाय इसके कि उन्होंने यह मामला सार्वजनिक किया। इस पूरे घटनाक्रम पर सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या वाकई सैम पित्रोदा को इस घटना की कोई जानकारी नहीं थी, जबकि यह सबकुछ उनके सामने हुआ था।
रोहित शर्मा ने दावा किया कि जब उन्होंने सैम पित्रोदा से पूछा कि क्या राहुल गांधी अमेरिका में बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे हमलों का मुद्दा उठाएंगे, तो कांग्रेस कार्यकर्ता भड़क गए। शर्मा का आरोप है कि उनके साथ धक्का-मुक्की की गई, उनका फोन छीन लिया गया और इंटरव्यू डिलीट करने के लिए उन पर दबाव डाला गया। राहुल गांधी के निजी सचिव अलंकार पर भी इस मारपीट में शामिल होने का आरोप लगा है। सैम पित्रोदा ने इस घटना पर सफाई देते हुए कहा कि उन्हें इस मारपीट की जानकारी नहीं थी क्योंकि वे जल्दी में थे और उन्हें कहीं और जाना था। उन्होंने यह भी कहा कि वे प्रेस की स्वतंत्रता का समर्थन करते हैं, लेकिन रोहित शर्मा को इस मामले को उठाने से पहले उनसे बात करनी चाहिए थी।
इंडिया टुडे के पत्रकार रोहित शर्मा पर हमला किया गया
— political voices (@politicvoices_) September 14, 2024
पत्रकार ने सैम पित्रोदा से पूछा था सवाल :
क्या राहुल गांधी बांग्लादेशी हिंदुओं के बारे में बात करेंगे??
पत्रकार ने कहा: "मेरा फोन छीनकर उनलोगों ने डेटा डिलीट कर दिया"
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यह पूरी घटना राहुल गांधी और कांग्रेस के रवैये पर गंभीर सवाल खड़े करती है। विदेशों में जाकर राहुल गांधी भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की कमी का आरोप लगाते रहे हैं, लेकिन उनकी ही टीम के लोग मनमाफिक सवाल पूछने पर पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं। खास बात यह है कि राहुल गांधी या कांग्रेस ने अब तक बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन फिलिस्तीन और इजराइल के मामले में कांग्रेस वर्किंग कमिटी (CWC) ने फिलिस्तीन के समर्थन में प्रस्ताव पारित किया है। यह विरोधाभास तब और स्पष्ट हो जाता है जब कांग्रेस हमास के आतंकी हमले की निंदा किए बिना फिलिस्तीन का समर्थन करती है, क्योंकि भारत का मुस्लिम समुदाय हमास को आतंकी नहीं मानता, तो कांग्रेस भी ऐसा नहीं कहती।
इससे यह सवाल उठता है कि क्या राहुल गांधी और कांग्रेस को अपने पड़ोसी बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार नहीं दिखते? और जब पत्रकार रोहित शर्मा ने यह सवाल उठाया, तो उनके साथ मारपीट की गई, और सैम पित्रोदा को घटना की जानकारी ही नहीं हुई? क्या यह संभव है?
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