गाज़ा: यूरोप में रहने वाले फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के एक कार्यकर्ता रामी अब्दु ने अनजाने में बड़ा खुलासा कर दिया है। उसने बताया है कि इजरायली बंधकों को रखने वाला एक शख्स अमेरिका स्थित टैक्स-फ्री संगठन के लिए काम कर चुका है। यही नहीं, 26 वर्षीय इजरायली महिला बंधक नोआ अरगामनी को कतर द्वारा फंडिंग पाने वाले चैनल अल जजीरा के 'पत्रकार' के घर बंधक बनाकर रखा गया था।
इजरायल की नोआ अरगामनी को कतर की मीडिया हाउस अल जजीरा के पत्रकार अब्दुल्ला अलजमाल के घर बंधक बनाया था। गाजा मे अल जजीरा और फिलिस्तीन क्रॉनिकल के लिए जर्नलिस्ट के तौर पर काम करता था
— ADV. Vikas Deo कानून मित्र!(मोदी का परिवार) ???????? ✪ (@vikascreateyug) June 10, 2024
अल जजीरा पर आतंकी संगठनो को उन्हे मदद पहुँचाने के आरोप लगते है@AJEnglish why?
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यूरो-मेड मानवाधिकार निगरानी संस्था के अध्यक्ष रामी अब्दु ने अपने व्यक्तिगत एक्स अकाउंट पर दो पोस्ट डाले। उनमें से एक में रामी ने 36 साल के ‘पत्रकार’ अब्दुल्ला अलजमाल और उसकी पत्नी फातिमा का नाम उन लोगों में लिया, जिन्हें इजरायल की सुरक्षा एजेंसी IDF के जवानों ने नुसेरात में कार्रवाई के दौरान मार दिया था। दरअसल, इसी पत्रकार के घर में इजरायली बंधकों को रखा गया था, जिन्हे छुड़ाने के अभियान के दौरान ये दोनों मारे गए। रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल की एक बंधक नोआ अरगामनी को कतर की मीडिया हाउस अल जजीरा के पत्रकार अब्दुल्ला अलजमाल के घर से बरामद किया गया था, इस बीच पत्रकार और उसकी पत्नी वहीं रह रहे थे।
गाजा स्थित अब्दुल्ला अलजामल अल जजीरा और फिलिस्तीन क्रॉनिकल के लिए जर्नलिस्ट के पद पर कार्य करता था। बता दें कि अल जजीरा पर इस्लामवादी आतंकी संगठनों के प्रति नरम रवैया अपनाने और उनके पक्ष में नैरेटिव गढ़ने के आरोप शुरू से लगते रहे हैं। ये प्रोपेगेंडा चैनल भारत में 'पीड़ित मुस्लिम' का नैरेटिव भी जोर शोर से चलाता है और दुनिया में ये फैलाने की कोशिशें करता रहता है कि, भारत में मुस्लिमों पर जुल्म हो रहा है।
In an initial testimony documenting the killings committed by the Israeli army in the Nuseirat camp today, the @EuroMedHR reported that the Israeli army used a ladder to enter the home of Dr. Ahmed Al-Jamal. The army immediately executed 36-year-old Fatima Al-Jamal upon… pic.twitter.com/DjfjerIZTf
— Ramy Abdu| رامي عبده (@RamAbdu) June 8, 2024
बहरहाल, पत्रकार अलजमाल पहले फिलिस्तीन क्रॉनिकल के लिए भी काम कर चुका था। इसे अल-जजीरा के पूर्व अधिकारी रमजी बरौद की अध्यक्षता में संचालित किया जा रहा था और यह फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के प्रवक्ता के रूप में काम करता था। यह पीपल मीडिया प्रोजेक्ट के अधीन कार्य करता था, जो कि 2012 से ओलंपिया, वाशिंगटन राज्य में पंजीकृत एक 501 (सी) 3 संगठन है।
अब्दुल्ला अलजमाल, कतर के मुखपत्र और हमास आतंकियों के समर्थक अलजजीरा के लिए भी प्रोपेगेंडा आर्टिकल लिखता था। इसके साथ ही वह हमास के श्रम मंत्रालय के प्रवक्ता के पद पर भी काम कर रहा था। हालाँकि, रविवार (9 जून 2024) की सुबह अल जजीरा ने इस बात को नकारा है कि अलजमाल को संगठन द्वारा नियोजित किया गया था। चैनल ने कहा कि अफवाहें झूठ और निराधार हैं। बता दें कि, यह पहली दफा नहीं है, जब गाजा के नागरिक आतंकी संगठनों की तरफ से अपने घरों में बंधकों को रख रहे थे। फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के हमले के बाद IDF द्वारा रिहा कराकर लाए बंधकों ने भी कहा था कि गाजा पट्टी के आसपास नागरिक घरों में उन्हें बंदी बनाकर रखा गया था।
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