पटना: नौकरी के बदले जमीन घोटाला यानी लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में RJD सुप्रीमो और पूर्व सीएम लालू यादव के साथ बिहार के मौजूदा डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने को लेकर बिहार के पूर्व सीएम राबड़ी देवी बेहद गुस्सा हैं। इसके लिए राबड़ी देवी ने भाजपा और केंद्र सरकार पर हमला बोला है। राबड़ी देवी ने पूछा है कि भाजपा देशभर में अपना मॉल के जैसे दफ्तर बनवा रही है, उसके लिए पैसा कहां से आ रहा है ?
दरअसल, राबड़ी देवी विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने पहुंची थी, इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात की। जब पत्रकारों ने उनसे तेजस्वी यादव पर चार्जशीट दाखिल होने एवं इस्तीफा मांगे जाने पर सवाल किया, तो राबड़ी देवी का गुस्सा केंद्र सरकार और भाजपा पर फूट पड़ा। राबड़ी देवी ने कहा कि उन लोगों का काम क्या है ? विपक्षी दल हैं तो इस्तीफा मांगेंगे ही। मगर एक मामले में बार-बार चार्जशीट फाइल करना सही नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि जो केंद्र सरकार के खिलाफ बोलेगा, उसके पीछे ED और CBI को लगा देंगे। उससे भी काम नहीं चलेग। तो चार्जशीट दाखिल कर देंगे, केंद्र सरकार का बस यही काम रह गया है।
यही नहीं, राबड़ी देवी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर संगीन इल्जाम लगाए। उन्होंने कहा कि मोदी जी विकास का काम तो कर नहीं रहे हैं, लेकिन देश को बांटने में लगे हुए हैं। गरीबों को 15 लाख अभी तक क्यों नहीं मिला ? प्रति वर्ष दो करोड़ रोजगार का क्या हुआ। राबड़ी देवी ने कहा कि भाजपा अपनी पार्टी का विकास कर रही है। देशभर में भाजपा के मॉल जैसे दफ्तर बन रहे हैं । हर जिले में पार्टी का कार्यालय खुला है। इसके लिए पैसा कहां आया? उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सब जनता की कमाई से तैयार किए गए हैं।
क्या है लैंड फॉर जॉब घोटाला:-
बता दें कि, यह घोटाला कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA-1 के शासनकाल सन 2004-2009 के बीच का है, जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे और बिहार में 15 साल तक सत्ता में रहने वाले लालू प्रसाद यादव उस सरकार में केंद्रीय रेल मंत्री थे। आरोप है कि, उस समय लालू यादव ने लोगों को रेलवे में नौकरी देने के एवं में उनकी जमीनें अपने या अपने परिवार के नाम लिखवा ली। इसी मामले में CBI ने लालू, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और उनकी कंपनियों के साथ साथ कई अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की है। अपनी चार्जशीट में CBI ने 7 ऐसे मामलों का भी जिक्र किया है, जिनसे लालू परिवार ने कौड़ियों के भाव पर करोड़ों की जमीनें खरीदीं और फिर उन लोगों को रेलवे में नौकरी दे दी। आरोप है कि, ये जमीनें एक तरह की रिश्वत थी, जो नौकरी पाने के लिए सस्ते दामों में या ऐसे ही उपहार के रूप में लालू परिवार को दी गई।
नौकरी के बदले जमीन घोटाले के 7 केस:-
मामला-1: जांच में CBI ने पाया कि फरवरी 2007 में पटना के निवासी हजारी राय ने अपनी 9527 वर्ग फुट जमीन को एके इन्फोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिया। इस जमीन की कीमत 10.83 लाख रुपये थी। बाद में हजारी राय के दो भतीजे दिलचंद कुमार और प्रेमचंद कुमार को रेलवे में नौकरी मिली। CBI की जांच में यह बात सामने आई कि साल 2014 में एके इन्फोसिस्टम के सभी हक़ और संपत्तियाँ राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम पर चली गईं। साल 2014 में राबड़ी देवी ने इस कंपनी के अधिकांश शेयर ख़रीदे और इस कंपनी की डायरेक्टर बन गईं।
मामला-2: नवंबर 2007 में पटना की निवासी किरण देवी ने अपनी 80,905 वर्ग फुट जमीन को लालू यादव की बेटी मीसा भारती के नाम पर कर दिया। इस डील की कीमत सिर्फ 3.70 लाख रुपये थी। बाद में किरण देवी के बेटे अभिषेक कुमार को मुंबई में नियुक्ति मिली।
मामला-3: इसी तरह, फरवरी 2008 में पटना के निवासी किशुन देव राय ने अपनी 3375 वर्ग फुट जमीन को राबड़ी देवी को बेच दिया। इस जमीन की कीमत 3.75 लाख रुपये थी। इसके बदले में किशुन राय के परिवार के तीन लोगों को रेलवे में नौकरी मिली।
मामला-4: इसी तरह, फरवरी 2008 में पटना के महुआबाग में निवासी संजय राय ने अपनी 3375 वर्ग फुट जमीन को राबड़ी देवी को बेच दिया। इस जमीन की कीमत 3.75 लाख रुपये थी। इसके बदले में संजय राय और उनके परिवार के दो सदस्यों को रेलवे में नौकरी मिली थी।
मामला-5: इसी तरह, मार्च 2008 में ब्रिज नंदन राय ने अपनी 3375 वर्ग फुट जमीन को ह्रदयानंद चौधरी को बेच दिया। इस डील की कीमत 4.21 लाख रुपये थी। इसके बाद ह्रदयानंद चौधरी ने यह जमीन लालू यादव की बेटी हेमा यादव को तोहफ़े में दे दी। ह्रदयानंद चौधरी को साल 2005 में हाजीपुर में रेलवे में नियुक्ति मिली थी।
मामला-6: मार्च 2008 में विशुन देव राय ने अपनी 3375 वर्ग फुट जमीन को सिवान के निवासी ललन चौधरी को बेच दिया। उसी साल ललन के पोते पिंटू कुमार को पश्चिमी रेलवे में नियुक्ति मिली। इसके बाद फरवरी 2014 में ललन चौधरी ने यह जमीन लालू यादव की एक और बेटी हेमा यादव को गिफ्ट कर दी।
मामला-7: इसी तरह, मई 2015 में पटना के निवासी लाल बाबू राय ने अपनी 1360 वर्ग फुट जमीन को राबड़ी देवी को बेच दी। इस डील की कीमत 13 लाख रुपये थी। CBI की जांच में पता चला कि साल 2006 में लाल बाबू राय के बेटे लाल चंद कुमार को रेलवे में नियुक्ति मिली थी।
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