बेंगलुरूः केंद्र सरकार ने बीते पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर से धारा 370 समाप्त करने का ऐलान किया। इस ऐलान के साथ ही राज्य को मिला विशेष दर्जा खत्म हो गया। सत्ताधारी दल से जुड़े लोग इस मुद्दे को अपने पक्ष में भुनाने पर लगे हैं। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा बेंगलुरू में एक देश एक संविधान पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को लेकर ये गलत धारणा थी कि यह कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देता है।
उन्होंने कहा कि इतिहास में इसे झूठ लिखा गया है। नड्डा ने कहा कि संविधान सभा में अनुच्छेद 370 के कोई प्रतिवादक नहीं थे। कोई भी इसपर विचार नहीं करना चाहता था। इस गलतफहमी को फैलाने के लिए नड्डा ने पीडीपी और नेशनल कॉऩ्फ्रेंस के नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है। नड्डा ने कहा कि भारतीय संविधान में साफ लिखा है कि आर्टिकल 370 अस्थायी है और इसे बदला जा सकता है।
उन्होंने कहा कि धारा 370 को गोपालस्वामी आयंगर ने संविधान सभा में आगे रखते हुए कहा था कि 'अनुच्छेद 30 अस्थायी और संक्रमणकाली रहेगा। यह अनुच्छेद यह सुविधा प्रदान करेगा कि भारतीय संविधान के सभी कानून जम्मू कश्मीर में लागू हों। इसके साथ ही उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर भी निशाना साधते हुए कहा कि तत्कालीन कानून मंत्री बीआर अंबेडकर उनके इस कदम से सहमत नहीं थे।
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