नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीश दलवीर भंडारी के इंटरनेशनल कोर्ट (ICJ) के मुख्य न्यायाधीश बनने की खबर मंगलवार को वायरल हो गई। देखते ही देखते सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बधाइयां आने लगी। बधाइयां अमेरिका व दिल्ली में उनके परिवार वालों तक पहुंच गई। वे जवाब देते-देते परेशान हो गए। दरअसल, किसी ने भंडारी के ICJ में जज चुने जाने के मैसेज को ही रिसाइकल करके बतौर चीफ जस्टिस चुने जाने का मैसेज वायरल कर दिया था। जस्टिस भंडारी मंगलवार को उस समय जोधपुर में ही मौजूद थे।
जब इस वायरल दावे की पड़ताल की गई तो ये फर्जी निकला। जस्टिस भंडारी मंगलवार दोपहर ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली निकल गए। मंगलवार सवेरे ही सोशल मीडिया पर यह मैसेज वायरल हुआ, ‘न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी (जोधपुर) अगले 9 वर्षों के लिए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश चुने गए। उन्होंने 193 में से 183 वोट हासिल किए। ग्रेट ब्रिटेन 71 साल से इस पद पर था। भारत के लिए गर्व का क्षण….’। जज दलवीर भंडारी के कुछ करीबी लोग भी यह वायरल मैसेज पढ़कर हैरत में पड़ गए। हलाकि, ये स्पष्ट हो गया है कि ये वायरल दावा पूरी तरह फर्जी है और इसका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है। बता दें कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश (CJ) नहीं होता बल्कि उसे सभापति या अध्यक्ष कहा जाता है।
बता दें कि न्यायमूर्ति भंडारी पहली बार 27 अप्रैल 2012 में ICJ के जज निर्वाचित हुए थे। दूसरी बार वे नवंबर 2017 में निर्वाचित हुए और 2026 तक न्यायमूर्ति के पद पर बने रहेंगे। दूसरी बार हुए चुनाव में भंडारी और ब्रिटेन के क्रिस्टोफर ग्रीनवुड में मुकाबला था, किन्तु ब्रिटेन इस चुनाव से हट गया था। जिससे जस्टिस भंडारी को महासभा में कुल 193 सदस्यों में से 183 सदस्यों के वोट मिले थे। दरअसल, यह पोस्ट 2017 की है, जब उन्हें पुनः निर्वाचित किया गया था, जो अब वायरल हो रही है। हालाँकि, वायरल पोस्ट में जो चीफ जस्टिस की बात कही गई है, वो पूरी तरह निराधार है।
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