नई दिल्ली: भारत के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने शनिवार (19 नवंबर) को कहा कि निचली अदालतों के जज भी निशाना बनाए जाने के डर की वजह से जघन्य मामलों में जमानत देने से हिचकते हैं। बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित किए आगे एक सम्मान समारोह में CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि उच्च न्यायपालिका जमानत के आवेदनों से भरी पड़ी है।
रिपोर्ट के अनुसार, CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि, जस्टिस जमानत देने के मामले में अनिच्छुक हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि वह अपराध को समझते नहीं है, बल्कि वह ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें जघन्य मामलों में जमानत देने के लिए निशाना बनाए जाने का भय होता है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू भी उपस्थित थे।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने अपनी बात रखते हुए ट्रांसफर्स को लेकर कई वकीलों के CJI से मिलने पर चिंता प्रकट हुए कहा कि मैंने सुना है कि कुछ वकील, ट्रांसफर मामले के संबंध में CJI से मिलना चाहते हैं। लेकिन, अगर यह कॉलेजियम के प्रत्येक फैसले, जिसका सरकार समर्थन करती रहती है, पर लगातार होने वाली घटना हो जाए, तो यह कहां ले जाएगी। ऐसे में पूरा आयाम ही बदल जाएगा।
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