लखनऊ: जुमा, शब-ए-बारात और होली एक ही दिन आ रहे हैं. इसे लेकर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने ईदगाह में उलेमा की एक बैठक की है, जिसमें इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के प्रमुख मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली इमाम ने कहा कि जुमा, शब-ए-बारात और होली का एक ही दिन होना संयोग की बात है. हालांकि, यह तीनों अवसर मुसलमानों और हिन्दुओं के लिए एहतिराम और खुशी के होते हैं. ऐसे में मुसलमान जुमे की नमाज़ का विशेष प्रबंध करते हैं और इस दिन वे अपने संबंधियों की सेहत की दुआ के लिए शब-ए-बारात को कब्रस्तिान जाते हैं.
दरअसल, राजधानी लखनऊ में आफिस सेक्रेटरी अब्दुल लतीफ ने बताया कि होली का पर्व देश के दूसरे भाईयों के लिए बहुत खुशी व मसर्रत का होता है. चार वर्ष पूर्व ऐसा हो चुका है कि जब जुमे के दिन होली भी थी. लतीफ का कहना है कि ऐसे में हम सब एक मिले जुले सामाज में रहते हैं. हम गंगा जमुनी सभ्यता की वकालत करने वाले हैं. हम सब भाई चारे, राष्ट्रीय एकता और धार्मिक रवादारी को मानते हैं. इस दौरान हमें चाहिए कि इस बार भी समझदारी से काम लेते हुए अपने कौल व अमल से यह साबित करें कि हम सब अमन पसंद और कानून का एहतिराम करते हैं.
इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया द्वारा जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि, 18 मार्च को जुमा, शब-ए-बारात और होली होने के मद्देनज़र अवाम से अपील है कि देश की गंगा जमुनी सभ्यता और रिवायत का ध्यान करते हुए एक दूसरे के धार्मिक जज्बात का ख्याल रखें. मुसलमान अपने अपने मोहल्ले की मस्जिद में नमाज पढ़ें. जिन मस्जिद में जुमे की नमाज़ 12:30 से 1 बजे के बीच में होती हैं, वहां पर 30 मिनट आगे बढ़ा दें। शब-ए-बारात में मुस्लिम अपने मरहूम रिश्तेदारों के ईसाले सवाब के लिए कब्रस्तिान जाते हैं, वे लोग शाम 5 बजे के बाद ही कब्रिस्तान जायें. जामा मस्जिद ईदगाह लखनऊ में जुमे की नमाज का वक़्त 12:45 से बढ़ाकर 18 मार्च को 2 बजे किया गया है.
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