इस्लामबाद: निरंतर लोगों की जान लेने वाला कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. और हर तरफ केवल तवाही का मंज़र देखने को मिल रहा है. वहीं हर दिन केवल कोरोना वायरस ही नहीं बल्कि ऐसी और भी बीमारियां है जिसके बारें में अभी भी कोई नहीं जनता है. वहीं कोरोना की चपेट में आने से अब तक पूरी दुनिया में 17200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. जंहा पाक में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. वहां के अखबार द डॉन में छपी एक खबर के मुताबिक यदि इस पर लगाम नहीं लगाई गई तो जून तक इसका आंकड़ा बढ़कर 2 करोड़ तक छू जाएगा. पाकिस्तान के लिए आंकड़ा बेहद चौंकाने वाला है. आपको बता दें कि पाकिस्तान में इसके मरीजों की संख्या 878 तक जा पहुंची है. यहां पर सिंध में 394 मामले, पंजाब में 249 मामले, बलूचिस्तान में 110 मामले, गुलाम कश्मीर में 72 मामले, खैबर पख्तूंख्वां में 38 मामले और इस्लामाबाद में 15 मामले अब तक सामने आ चुके हैं. वहीं पूरी दुनिया की बात करें तो विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े बता रहे हैं कि दुनिया के 190 देशों में अब तक ये अपने पांव पसार चुका है. इसकी वजह से अब तक करीब 14652 मौत हो चुकी हैं और 334981 मामले अब तक इसके सामने आए हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक Covid-19 कोरोना वायरस पूरी दुनिया को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है. इसके साथ ही इससे लोगों में दहशत भी बैठ रही है. इतना ही नहीं इस दौरान इस वायरस को लेकर तेजी से गलत सूचनाएं भी फैल रही हैं. खबर के मुताबिक अभी इसकी भयावह स्थिति आनी बाकी है. जंहा इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जून 2020 तक इसके मरीजों की संख्या 2 करोड़ (20 million) तक होने की आशंका है. वहीं यह भी कहा जा रहा है कि विशेषज्ञों के मुताबिक ये आंकड़ा केवल पाकिस्तान का है. वहीं जुलाई 2020 तक पूरी दुनिया में इसके मरीजों की संख्या 6 अरब तक जा सकती है. इसमें कहा गया है कि इससे निपटने के लिए पाकिस्तान को बड़े पैमाने पर एक्शन लेना होगा लेकिन ये तब तक मुमकिन नहीं होगा जब तक सरकार इसमें जी-जान से न जुट जाए और इसमें लोगों की भागीदारी न हो.
वहीं इस बात का पता चला है कि इस पूरी रिपोर्ट में कुछ ऐसे मामलों का भी जिक्र किया गया है जो पाकिस्तान में इससे निपटने के लिए जरूरी उपाय या चीजों की कमी को भी दर्शा रहे हैं. इसमें एक मरीज का जिक्र किया गया है जो खांसी और तेज बुखार के बाद खुद अस्पताल में इलाज के लिए गया था. लेकिन वहां पर जांच की सुविधा न होने की वजह से उसको वापस भेज दिया गया. इसके अलावा इसमें पाकिस्तान की जानी-मानी वकील ओसामा सिद्दिकी का भी जिक्र है जो कुछ समय पहले मालदीव से लौटी थी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एयरपोर्ट पर उन्हें कोई ऐसा उपाय दिखाई नहीं दिया जो इस वायरस को पाकिस्तान में बढ़ने से रोक सके. वहां पर केवल एक अनाउंसमेंट हो रहा था जिसमें कहा जा रहा था कि सऊदी अरब, ईरान से आने वाले यात्री अपनी जांच के लिए अलग हो जाएं. उनके मुताबिक वहां पर मौजूद स्टाफ के पास जरूरी उपकरण तक नहीं थे जो वो एयरपोर्ट पर आने वाले यात्रियों की जांच कर सकें. एयरपोर्ट स्टाफ के पास मास्क और हाथों में मेडिकल ग्ल्व्स भी नहीं थे.
WHO का बयान, कहा- 'कोरोना से संक्रमण और मौत के नए मामलों में 85 फीसद'