नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शुक्रवार (3 नवंबर) को वर्ल्ड फ़ूड इंडिया 2023 के कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बाजरा को भारत के 'सुपर फूड बकेट' का हिस्सा करार देते हुए कहा कि पोषक तत्वों से भरपूर मोटा अनाज भी योग की तरह दुनिया के हर कोने तक पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि, 'भारत में, हमने इसे (बाजरा) श्री अन्ना की पहचान दी है। भारत की पहल पर आज एक बार फिर दुनिया में मोटे अनाजों को लेकर जागरूकता अभियान शुरू हो गया है। मेरा मानना है कि जैसे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस ने योग को दुनिया के हर कोने तक पहुंचाया, अब बाजरा भी दुनिया के हर कोने तक पहुंचेगा।
Addressing the World Food India programme. https://t.co/B9waEvVAsi
— Narendra Modi (@narendramodi) November 3, 2023
पीएम मोदी राष्ट्रीय राजधानी में तीन दिवसीय वर्ल्ड फूड इंडिया 2023 का उद्घाटन करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। बता दें कि, छोटे किसानों के लिए भी बाजरा सबसे सुरक्षित फसल है, क्योंकि वे गर्म और सूखे दोनों वातावरणों में लचीली और जलवायु के अनुकूल हैं। भारत आम तौर पर ज्ञात सभी नौ पारंपरिक बाजरा का उत्पादन करता है। ज्वार, मोती बाजरा, फिंगर बाजरा, फॉक्सटेल बाजरा, प्रोसो बाजरा, लिटिल बाजरा, बार्नयार्ड बाजरा, ब्राउनटॉप बाजरा और कोडो बाजरा। बाजरा छोटे बीज वाली घासों को वर्गीकृत करने के लिए एक सामान्य शब्द है, जिन्हें अक्सर पोषक अनाज कहा जाता है। भारत के अधिकांश राज्य बाजरा की एक या अधिक फसल प्रजातियाँ उगाते हैं। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के प्रस्ताव का नेतृत्व किया था और भारत के प्रस्ताव को 72 देशों ने समर्थन दिया था।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत में न केवल सांस्कृतिक विविधता है, बल्कि व्यंजनों की भी समृद्ध विविधता है। उनके अनुसार, यह खाद्य विविधता दुनिया भर के निवेशकों के लिए लाभांश के रूप में काम करती है। उन्होंने कहा कि, 'भारत में जितनी सांस्कृतिक विविधता है, उतनी ही भोजन विविधता भी है। हमारी खाद्य विविधता दुनिया के प्रत्येक निवेशक के लिए एक लाभांश है।' पीएम मोदी ने कहा कि, आज जिस तरह पूरे विश्व में भारत के प्रति जिज्ञासा बढ़ी है, वो आप सभी के लिए एक बहुत बड़ा अवसर भी लेकर आया है। भारत में तेजी से शहरीकरण हो रहा है और रोजगार के अवसर बढ़ने के साथ-साथ पैकेज्ड फूड की मांग भी बढ़ रही है।
पीएम मोदी ने कहा कि इन महत्वाकांक्षी नीतियों के साथ तालमेल बिठाने के लिए, आपकी योजनाएँ भी उतनी ही महत्वाकांक्षी होनी चाहिए। खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में, इसकी सफलता में योगदान देने वाले तीन मुख्य कारक हैं: छोटे किसान, छोटे उद्योग और महिलाएं। पीएम मोदी ने सभा को बताया कि पिछले नौ वर्षों में प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात में 150 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि, 'आज, हमारा कृषि-निर्यात विश्व स्तर पर 7वें स्थान पर पहुंच गया है। खाद्य क्षेत्र में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसमें भारत ने प्रगति न की हो। यह वृद्धि तेज़ लग सकती है, लेकिन यह निरंतर और समर्पित प्रयासों का परिणाम है। हमारी सरकार के कार्यकाल में भारत ने पहली बार कृषि-निर्यात नीति लागू की है। हमने पूरे भारत में लॉजिस्टिक्स और बुनियादी ढांचे का एक नेटवर्क स्थापित किया है।'
बता दें कि, वर्ल्ड फूड इंडिया में क्षेत्रीय व्यंजन और शाही पाक विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा, जिसमें 200 से अधिक शेफ भाग लेंगे और पारंपरिक भारतीय व्यंजन पेश करेंगे, जिससे यह एक अनूठा पाक अनुभव बन जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत को 'दुनिया की खाद्य टोकरी' के रूप में प्रदर्शित करना और 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में मनाना है। यह आयोजन प्रमुख खाद्य प्रसंस्करण कंपनियों के सीईओ सहित 80 से अधिक देशों के प्रतिभागियों की मेजबानी करने के लिए तैयार है। इसमें 80 से अधिक देशों के 1200 से अधिक विदेशी खरीदारों के साथ एक रिवर्स बायर-सेलर मीट की भी सुविधा होगी। नीदरलैंड भागीदार देश के रूप में काम करेगा, जबकि जापान इस आयोजन का फोकस देश होगा।
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