जैसे भारत में लव जिहाद, वैसे ही ब्रिटेन में ग्रूमिंग गैंग, इस्लामी कट्टरपंथियों का शिकार बनीं सैकड़ों लड़कियां

जैसे भारत में लव जिहाद, वैसे ही ब्रिटेन में ग्रूमिंग गैंग, इस्लामी कट्टरपंथियों का शिकार बनीं सैकड़ों लड़कियां
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लंदन: भारत में लव जिहाद का नाम तो आपने सुना ही होगा। जिसमे  मुस्लिम युवा, अपनी झूठी पहचान बताकर गैर-मुस्लिम लड़कियों को अपनी मीठी-मीठी बातों में फंसाते हैं, फिर उन्हें नशीला पदार्थ देकर या शादी का वादा करके उनके साथ शारीरिक संबंध बना लेते हैं और इस घिनौने कृत्य का वीडियो उतार लेते हैं, ताकि वो अपना असली रूप दिखाकर लड़कियों को ब्लेकमैल कर सकें। फिर शुरू होता है, लड़कियों पर अत्याचार, कहीं उन्हें इस्लाम कबूलने के लिए मजबूर किया जाता है, उनसे पैसे ऐंठे जाते हैं, जिस्मफरोशी में धकेला जाता है। एक तरह से लड़की की जिंदगी नर्क बन जाती है। हालाँकि, भारत में मुस्लिम वोट बैंक को खुश रखने के चलते राजनेता, लव जिहाद को सच्चाई मानने से ही इंकार कर देते हैं, लेकिन विदेशों में ऐसा नहीं है। वहां इन कट्टरपंथियों की घिनौनी करतूतें उजागर भी की जाती है और उन्हें सजा भी दी जाती है। 

भारत में जिसे लव जिहाद कहा जाता है, उसे ही अगर ब्रिटेन का ग्रूमिंग गैंग कहें तो गलत नहीं होगा, दोनों में कोई अंतर नहीं है। और समानताएं तो इतनी हैं कि कोई भी आसानी से पहचान सकता है कि ये एक ही विचारधारा से किया हुआ घिनौना काम है। ब्रिटेन में कई सालों से इस ग्रूमिंग गैंग का शिकार हुई पीड़िताओं की कहानी लोगों के दिलों में दहशत भरती रही है। इस गैंग का कनेक्शन पाकिस्तान के इस्लामी कट्टरपंथियों से था, जो बाकायदा साजिश के तहत छोटी उम्र की गोरी और गैर मुस्लिम लड़कियों को अपना निशाना बनाते, फिर उनका शारीरिक और मानसिक शोषण करते, उनसे अप्राकृतिक रूप से बलात्कार करते, उनका धर्मान्तरण करते, उन्हें ड्रग्स देते, उनकी तस्करी करते और कई बार तो उनकी हत्या भी कर देते थे। ग्रूमिंग गैंग चलाने वाले दरिंदों का मानना है कि ब्रिटिश लड़कियाँ कचरा और वेश्या हैं, इनका इस्तेमाल कैसे भी किया जा सकता है।

 

सबसे अधिक चौंकाने वाली बात तो ये रही कि इन गैर-मुस्लिम लड़कियों को निशाना बनाने वाले कट्टरपंथी, लगभग 10 वर्षों तक ब्रिटेन के विभिन्न शहरों (लंदन, ब्रिस्टल, बर्मिंघम, रोशडेल, रोदरहैम आदि) में लड़कियों की जिंदगी नरक बनाते रहे और पुलिस-प्रशासन इन सबसे बेखबर रहा। इसका परिणाम ये हुआ कि 1997 से 2013 तक एशियाई देशों (मुख्यत: पाकिस्तान) के इस्लामी कट्टरपंथियों ने 1400 से अधिक लड़कियों को घुट-घुटकर जीने पर मजबूर कर दिया। 

 

इस मामले का खुलासा उस समय हुआ, जब कुछ पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस गंभीर समस्या पर ध्यान दिया और गुमनामी में जी रही पीड़िताओं से मुलाकात की। इन्हीं लोगों की साझा कोशिशों से इस मामले में एक स्वतंत्र रिपोर्ट पेश की गई, जिसने ब्रिटेन में रह रही गैर-मुस्लिम लड़कियों को इस्लामी कट्टरपंथियों से बचाने का मुद्दा उठाया। अब सोशल मीडिया पर रॉदरहैम बाल यौन शोषण कांड की ये रिपोर्ट जमकर शेयर की जा रही है, जो बड़े-बड़े लोगों को हैरान कर रही है कि आखिर ब्रिटेन जैसे देश में ऐसा भी हो सकता है? इस रिपोर्ट में जनता को बताया जा रहा है कि किस तरह इस्लामी कट्टरपंथियों ने पीड़िताओं का अलग-अलग तरीके से शोषण किया और जब वो अपनी फ़रियाद लेकर पुलिस के पास गईं, तो उनकी एक ना सुनी गई। यहाँ तक पीड़िताओं के परिजनों के साथ भी अभद्रता किए जाने की बात रिपोर्ट में दर्ज है।

रिपोर्ट में पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल खड़े करते हुए एक पीड़िता का बयान भी दर्ज है। पीड़िता ने बताया है कि, 15 वर्ष की उम्र में वो किसी बशरत हुसैन के साथ रिलेशन में थी, इसी बीच उसे पता चला था कि बशरत के भाइयों के बीच और साउथ योर्कशायर पुलिस थाने के अधिकारियों में अच्छी जान-पहचान है। इसी प्रकार एक अन्य मामले में एक दुष्कर्म पीड़िता के पिता ने बताया कि उनकी बेटी के साथ जो हुआ, उसके बाद उसे सर्जरी तक करवानी पड़ी थी, मगर जब वे लोग इंसाफ की माँग लेकर पुलिस के पास पहुंचे, तो एक अधिकारी ने कार्रवाई करने की जगह, उनसे कहा कि इससे उनकी बेटी को सबक मिलेगा।

एक अन्य मामले में लापता हुई लड़की के पिता को पुलिस द्वारा कहा गया कि रोथरहैम में तो लड़कियों ने अपनी उम्र से बड़े एशियाई लड़कों को बॉयफ्रेंड बनाने का फैशन बना लिया है, लड़की खुद ब खुद वापस आ जाएगी। इन्ही घटनाओं से जुड़ा एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें एक पीड़ित पिता अपनी आपबीती सूना रहा है। पीड़ित पिता ने बताया कि एक बार उन्हें फोन आया कि उनकी बेटी को कहीं रखा गया है। वो उस जगह के नजदीक ही थे तो फ़ौरन अपनी बेटी की तलाश में उस अपार्टमेंट में पहुँच गए।

जब पीड़िता के पिता ने दरवाजा खटखटाया और भीतर देखा तो कुछ लोग पर्दे के पीछे थे। इस दौरान पुलिस भी वहाँ पहुँच गई, मगर उन्होंने आरोपितों को पकड़ने की जगह उन्हें (पीड़िता के पिता को) ही गिरफ्तार कर लिया और उनसे पूछा- “तुम यहाँ क्या कर रहे हो।” यही नहीं, पुलिस पीड़ित पिता को उनके घर लेकर गई और वहाँ भी उन्हें अरेस्ट कर लिया।

 

अब इस्लामी कट्टरपंथियों की दरिंदगी को उजागर करने वाली ये रिपोर्ट सोशल मीडिया पर जमकर शेयर की जा रही है, जिस पर दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति एलन मस्क से लेकर हैरी पॉटर को लिखने वाली जे के रॉलिंग तक ने हैरानी जताते हुए प्रतिक्रिया दी है। एलन मस्क ने कहा है कि ''इस काम (ग्रूमिंग गैंग पर शिकंजा न कसने) के लिए ब्रिटेन की सत्ता में बैठे काफी लोगों को जेल में होना चाहिए।'' उन्होंने खुलेआम ये टिप्पणी ब्रिटिश लेबर पार्टी की मंत्री रही जेस फिलिप्स को लेकर की, जिन्होंने इस्लामी कट्टरपंथियों के ग्रूमिंग गैंग के खिलाफ जाँच का विरोध किया था। वहीं जेके रॉलिंग ने भी कहा है कि इस पूरे मामले में पुलिस के भ्रष्टाचार पर यकीन नहीं हो रहा है। उन्होंने इस गैंग का नाम ग्रूमिंग गैंग रखे जाने पर भी सवाल खड़े किए।

गौरतलब है कि ब्रिटेन में ग्रूमिंग गैंग के खिलाफ की गई कार्रवाई में गत वर्ष तक 550 से अधिक आरोपियों को अरेस्ट किया गया था। एक विशेष पुलिस टास्कफोर्स ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया था, जिसे अप्रैल 2023 में ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने गठित किया था। इस टास्कफोर्स का मकसद बाल यौन शोषण और ग्रूमिंग से जुड़े मामलों की जाँच को बेहतर बनाना और बच्चों को सुरक्षा प्रदान करना था। यह टास्कफोर्स अब भी इंग्लैंड और वेल्स के सभी 43 पुलिस बलों के साथ मिलकर बच्चियों की सुरक्षा के लिए काम कर रही है। इसमें विशेषज्ञ अधिकारी और डेटा विश्लेषक भी शामिल हैं, जो ग्रूमिंग गैंग के कई मामलों की पहले भी पड़ताल कर चुके हैं। इस टास्कफोर्स के कारण 4,000 से अधिक पीड़ितों को चिन्हित किया जा चुका है और उन्हें सुरक्षा भी दी जा चुकी है।

 

ब्रिटेन ने तो समय रहते कदम उठा लिए, लेकिन भारत में ये मामला अब भी राजनितिक दाव-पेंचों में फंसा हुआ है। केंद्र की सत्ताधारी भाजपा के अलावा कोई अन्य सियासी दल या नेता ये मानने को राजी ही नहीं है कि लव जिहाद होता है और साजिश के तहत गौर-मुस्लिम लड़कियों का शोषण किया जाता है। हमने पड़ोसी देश पाकिस्तान-बांग्लादेश के कई मामले देखे हैं, जिसमे मुस्लिमों द्वारा हिन्दू-सिखों की नाबालिग बच्चियों का अपहरण कर लिया जाता है, फिर उन्हें जबरन मुसलमान बनाकर किसी अधेड़ मौलवी से उनका जबरन निकाह करवा दिया जाता है। इस मामले में पुलिस और अदालतें भी पीड़ितों का साथ नहीं देती। लेकिन भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में तो कम से कम ये नहीं होना चाहिए। आज भी लव जिहाद की ना जाने कितनी पीड़िताएं भारत में न्याय का इंतज़ार कर रही होंगी। 

2 साल तो दिल्ली की श्रद्धा वॉकर की हत्या को हो चुके हैं, जिसके आफताब ने 35 टुकड़े कर दिए थे। आफताब के 20 से अधिक हिन्दू लड़कियों के साथ संबंध रहे थे, लेकिन अपराध कबूल करने के बाद भी उसे अभी तक सजा नहीं मिली है। ऐसी सैकड़ों मामले आए दिन खबरों में आते रहते हैं और हज़ारों-लाखों श्रद्धा काल के गाल में समा चुकी हैं। लेकिन, भारत का शासन-प्रशासन और कुछ हद तक जनता भी, समस्या को पहचानने से ही इंकार कर रहे हैं। तो हल निकालना दूर की बात है। फ़िलहाल के लिए ब्रिटेन को बधाई, जो उसने बच्चियों की सुरक्षा के लिए कोई कदम तो उठाए और कट्टरपंथियों की करतूतों से दुनिया को रूबरू कराया, ताकि वो भी सबक ले सकें। 

    

 

 

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