आज हम आपको मशरूम के बारे में बताने जा रहे है. जिसे कई जगहों पर लोग कुकुरमुत्ता के नाम से भी जानते हैं. यह एक तरह का कवक (फंगस) है, जो की बरसात के दिनों में सड़े-गले कार्बनिक पदार्थ पर अपने आप ही उग जाता है. आजकल तो देश-विदेश में मशरूम की खेती भी होती है. आपको जानकारी के लिए बता दे कि वैसे तो मशरूम कई तरह के होते हैं, जो खाए जाते हैं, परन्तु हाल ही में शोधकर्ताओं ने एक ऐसे खतरनाक और जहरीले मशरूम की प्रजाति कि खोज कि है, जिसे खाना तो दूर की बात है, छूने मात्र से ही आप बीमार हो जाओगे.
मशरूम लाल रंग का यह जहरीला कवक ऑस्ट्रेलिया में मिला है. आपको बता दे कि यह कवक जापान और कोरिया जैसे एशियाई देशों में ही पाया जाता है, परन्तु कुछ दिन पहले ही इस कवक को क्वींसलैंड में खोजा गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस जहरीले कवक की कारण से जापान और दक्षिण कोरिया में कई लोगों की मौत भी हो चुकी है. वहीं, लोगों ने इसे पारंपरिक चिकित्सा में उपयोग किया जाने वाला खाद्य कवक समझकर चाय में मिलाकर पी लिया था, जिसके पश्चात् उनकी मौत हो गई थी.
वैज्ञानिकों के अनुसार, यह कवक इतना जहरीला माना जाता है कि इसे खाने से ऑर्गन फेल हो जाते हैं यानी इंसान के अंग काम करना बंद पूरी तरह से बंद कर देते है या फिर इसकी कारण से ब्रेन डैमेज यानी दिमाग को भी नुकसान पहुंच सकता है. यहां तक कि इसे छूने मात्र से ही शरीर में सूजन हो जाती है. जेम्स कुक विश्वविद्यालय (जेसीयू) के शोधकर्ताओं के अनुसार, यह एकमात्र ऐसा कवक है, जिसका जहर त्वचा के माध्यम से अवशोषित हो सकता है. पोडोस्ट्रोमा कॉर्नू-डामा नाम के इस जहरीले कवक को सबसे पहले चीन में साल 1895 में खोजा जा चुका था. हाल रिपोर्ट के अनुसार, इस कवक को इंडोनेशिया और न्यू पापुआ गिनी में भी देखा गया है.
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