नई दिल्ली: अधिवक्ता जयश्री पाटिल ने 5 मई को न्यायधीश एसएस शिंदे के खिलाफ भारत के मुख्य न्यायाधीश तथा बॉम्बे उच्च न्यायालय में शिकायत दर्ज कराई थी। अधिवक्ता ने शिंदे पर आरोप लगाया था कि जज ने उन्हें एक सुनवाई के चलते अपमानित किया है। जिसके पश्चात् मंगलवार को जस्टिस शिंदे ने अपने “कठोर शब्दों” के लिए क्षमा मांगी। बदले में अधिवक्ता ने अपनी शिकायत वापस लेने का वादा किया।
दरअसल अधिवक्ता जयश्री पाटिल ने पिछले मार्च महीने में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टार का FIR दायर करने की मांग वाली एक याचिका के साथ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उनकी याचिका में कहा गया कि अदालत का दरवाजा खटखटाने से पहले अधिवक्ता ने मालाबार हिल पुलिस स्टेशन से संपर्क किया था मगर पुलिस उनकी FIR दर्ज नहीं कर रही थी।
याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायधीश शिंदे की खंडपीठ ने पाटिल को फटकार लगाई थी। जस्टिस एस एस शिंदे ने कहा था कि याचिका सिर्फ “सस्ते प्रचार” के लिए दायर की गई थी। हालांकि, पाटिल की याचिका पर बाद में प्रधान न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की पीठ ने अप्रैल में सुनवाई की। उन्होंने पूर्व गृह मंत्री के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराने के लिए आगे आने के लिए उनकी प्रशंसा भी की थी। वहीं मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के सामने पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को लेकर केस में महाराष्ट्र सरकार की तरफ से दर्ज एक याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के चलते पाटिल ने हस्तक्षेप किया और कहा कि उनके आवेदन पर विचार किया जाना चाहिए क्योंकि उनकी शिकायत पर ही ये FIR दायर की गई थी।
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