पौराणिक ग्रंथों के अनुसार ज्येष्ठ के महीने में भगवान विष्णु के त्रिविक्रम रूप की पूजा की जाती है। कहा जाता है ऐसा करने से जाने-अंजाने में किए सभी तरह के पाप नष्ट हो जाते हैं और इसी के साथ ही दुश्मनों पर जीत मिलती है। आप सभी को बता दें कि ज्येष्ठ मास में जलदान करने से कभी न खत्म होने वाला पुण्य मिलता है। केवल यही नहीं बल्कि इस महीने में मटके में पानी भरकर दान करना चाहिए या सार्वजनिक स्थानों पर प्याऊ लगवाना चाहिए। अब हम आपको बताते हैं ज्येष्ठ मास में और क्या काम करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं। आइए जानते हैं।
ज्येष्ठ मास में करें ये काम
* धर्म ग्रंथों के अनुसार, ज्येष्ठ मास में रोज भगवान सूर्य को जल चढ़ाएं और ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें।
* कहा जाता है इस महीने में दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिश्रित ठंडा जल भरकर भगवान विष्णु का अभिषेक करना चाहिए और ऐसा करते समय विष्णु सहस्त्रनाम का जाप भी करते रहें।
* ज्येष्ठ के महीने में भीषण गर्मी का प्रकोप रहता है। वहीं मान्यताओं के अनुसार, भगवान भी गर्मी से परेशान रहते हैं, इसलिए भगवान विष्णु की प्रतिमा पर चंदन का लेप लगाएं।
* ज्येष्ठ के महीने में प्रतिदिन भगवान विष्णु को माखन-मिश्री, दही-मिश्री और ठंडी चीजों का भोग लगाएं। इसी के साथ भोग में तुलसी के पत्ते जरूर होना चाहिए।
* ज्येष्ठ के महीने में भूखे लोगों को भोजन करवाएं। इसी के साथ समय के अभाव में ऐसा संभव न हो तो किसी मंदिर के अन्नक्षेत्र में कच्चा अनाज भी दान करें।
* ज्येष्ठ के महीने में रोज सूर्यास्त के बाद तुलसी के पास गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं और परिक्रमा करें। इसी के साथ ही तुलसी नामाष्टक का पाठ भी करें।
* ज्येष्ठ के महीने में बैंगन नहीं खाना चाहिए। जी दरअसल आयुर्वेद के अनुसार इस महीने में बैंगन खाने से वात यानी गैस की समस्या हो सकती है और शरीर की गर्मी भी बढ़ती है।
* धर्म ग्रंथों के अनुसार, ज्येष्ठ महीने में एक समय भोजन करना चाहिए। जी हाँ क्योंकि ऐसा करने से शरीर निरोगी रहता है।
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