इंदौर : सुप्रीम कोर्ट द्वारा सोमवार को लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें लागू करने संबंधी जो आदेश दिया गया है, उसकी आंच से एमपी क्रिकेट एसोसिएशन भी झुलसा है.इस कारण 9 साल से ज्यादा समय तक विभिन्न पदों पर रहे चेयरमैन ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रेसिडेंट संजय जगदाले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अपने -अपने पद छोड़ने पड़ेंगे.
गौरतलब है कि लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें लागू करने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के आदेश में मंगलवार को संशोधन किया गया . इसमें बीसीसीआई के साथ स्टेट एसोसिएशन में 9 साल से जमे पदाधिकारियों को तत्काल हटाने के आदेश हुए हैं. इस संशोधन के दायरे में एमपीसीए के पदाधिकारी भी आ गए हैं, जिसमें चेयरमैन से लेकर प्रेसीडेंट तक शामिल हैं.
दरअसल हुआ यूँ कि सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई और स्टेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों की योग्यता के संबंध में बिंदु-25 में जो मानक तय किए हैं, उनमें 25-एफ में बीसीसीआई के साथ स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन शब्द भी जोड़ दिया है.इस कारण जो पदाधिकारी स्टेट एसोसिएशन में कुल नौ साल से है वह तत्काल पद से मुक्त हो गए हैं. लेकिन 9 साल के दायरे में नहीं आने से सचिव मिलिंद कनमड़ीकर, सहसचिव-संदीप मुंग्रे, पंकज पांडे, कोषाध्यक्ष- प्रवीण कासलीवाल बच गए.