भोपाल: मध्य प्रदेश बीजेपी में हाशिए पर जा रहे दिग्गजों की चिंता संघ प्रमुख मोहन भागवत और राज्यसभा मेंबर ज्योतिरादित्य सिंधिया की मीटिंग ने और बढ़ा दी है। मुश्किलें हैं कि सिंधिया के मोदी कैबिनेट में मौजूद होने पर चर्चा हुई है, भाजपा के किसी अन्य नेता के साथ न होने के भी निकाले जा रहे मायने: बीजेपी में शामिल होने के करीब 6 महीने के उपरांत पहली बार नागपुर स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय पहुंचे सिंधिया के साथ बीजेपी के किसी अन्य नेता के न होने के मायने भी सामने आने लगे है। सिंधिया अकसर सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ दिखाई दे रहे है। कहा जा रहा है कि सिंधिया की संघ तक पहुंच में पार्टी की मराठी लॉबी की सक्रियता थे।
ग्वालियर-चंबल संभाग में 16 विधानसभा सीटों पर जीत की जिम्मेदारी सिंधिया पर है: जानकारी मिली है कि मंगलवार को सिंधिया ने नागपुर में संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और सर कार्यवाह भय्याजी जोशी से मीटिंग की गई थी। मप्र में 27 विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव को लेकर भी सिंधिया शक्ति प्रदर्शन जारी कर चुके है। ग्वालियर-चंबल संभाग में बीजेपी के 3 दिनी सदस्यता अभियान में उनके आह्वान पर हजारों कांग्रेस कार्यकर्ता बीजेपी में मौजूद हुए हैं। उन पर यहां की 16 विधानसभा सीटों पर जीत की जिम्मेदारी है।
सिंधिया की चुनावी जंग आसान बनाने के लिए संघ ने तैनात किए प्रचारक-विस्तारक: संघ ने भी सिंधिया की चुनाव की जंग आसान बनाने के लिए पहले ही क्षेत्र में प्रचारक-विस्तारक तैनात किए जा चुके है। साथ ही वरिष्ठ बीजेपी नेता प्रभात झा और जयभान सिंह पवैया को सक्रिय करने को बोला है। हिंदूवादी छवि और मराठी कनेक्शन सिंधिया के सियासी ग्राफ पर निगाह रखने वाले इस घटनाक्रम में उनकी हिंदूवादी छवि और मराठी कनेक्शन की ओर संकेत दे रहे है.
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