इस दुनिया में बहुत कम लोग हैं जिनकी भगवान से कोई कामना नहीं है. ऐसे में दुनिया में सभी की कोई न कोई इच्छा ज़रूर होती है फिर चाहे कोई कितना भी अमीर ही क्यों न हो. ऐसे में अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए हर कोई मेहनत करता है, लेकिन जब उनकी मेहनत रंग नहीं लाती तो आख़िर में हर कोई थक हार भगवान की शरण में जाता है और उनसे अपनी इच्छा रखता है. ऐसे में बहुत बार उनके द्वारा की गई अराधना भी निष्फल हो जाती है और फिर कुछ नहीं हो पाता है. ऐसे में कई बार मन की इच्छा पूरी नहीं होती और अब सवाल यह उठता है कि ऐसा क्यों होता है..? जी दरअसल ऐसा इसलिए होता है कि लोग पूजा-अर्चना के दौरान कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिस कारण उनकी मनोकामनाएं अधूरी रह जाती हैं और आज हम आपको उन्ही के बारे में बताने जा रहे हैं. आइए जानते हैं.
गलतियां- कहते हैं हिन्दू धर्म शास्त्रों में विधि विधान से की गई पूजा आदि बहुत ही ऊंचा दर्जा दिया गया है और ऐसा कहते हैं कि जब भी भगवान के दरवाज़े पर जाओ तो भगवान से यश, बुद्धी बल और स्वास्थ्य की कामना करो. वह इसलिए क्योंकि वो चार चीजें हैं जिनके बलबूते कोई भी मनुष्य संसार की सभी शक्तियों को हांसिल कर सकता है. ऐसे में भगवान से प्रार्थना करते समय हमारा ध्यान भगवान की भक्ति मे होना चाहिए न की अपनी मनोकामना की ओर चाहिएं अगर आप सच्चे मन से भगवान की भक्ति करेंगे तो मनोकामना अपने आप पूरी हो जाएंगी.
इसी के साथ ऐसा कहा जाता है कि मनोकामना पूर्ति के लिए अगरबत्ती और धूप जलाने से कुछ नहीं होता है जब तक आप मंत्रों का जाप न करें. इसलिए प्रार्थना करते समय मंत्रों का जाप ज़रूर करें. वहीं जब भी आप प्रार्थना करें तो आत्मा से करें अर्थात जब भी आप पूजा करें सच्चे मन और साफ़ मन से पूजा करे तब ही आपकी प्रार्थना भगवान तक पहुंचेगी और वह आपकी सभी मनोकामना को सुनेंगे.
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