हाल ही हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर से पश्चिम उत्तर प्रदेश का कैराना लोकसभा चुनाव चर्चा में बना हुआ है, इस लोकसभा सीट पर पूर्व में बीजेपी से सांसद रहे हुकुम सिंह का देहांत हो चूका जिसके बाद बीजेपी से इस सीट हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह चुनाव लड़ रही है वहीं इनके सामने राष्ट्रीय लोक दल से उम्मीदवार तबस्सुम हसन चनावी मैदान में है. तबस्सुम को महागठबंधन का समर्थन है.
कैराना में चुकी राष्ट्रीय लोक दल की उम्मीदवार के समर्थन में यहाँ पर बसपा, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे है वहीं गोरखपुर और फूलपुर की हार से सबक लेते हुए बीजेपी ने यहाँ पर विश्व हिन्दू परिषद् की सहायता से दलित वोटरों को लुभाने का काम किया है. चुकी यहाँ पर मुस्लिम और जाटों की आबादी ज्यादा है वहीं मायावती का दलित वोट बैंक यहाँ पर बसपा को वोट देते आया है, इसी कारण दलित वोटरों को बीजेपी किसी भी शर्त पर हाथ से जाने नहीं देने चाहती है.
बीजेपी के एक सीनियर नेता ने बताया कि हम गोरखपुर और फुलफुर को लापरवाही में लेते हुए मायावती को हलके में लेने की कोशिश कर रहे थे जिसका नतीजा गोरखपुर और फूलपुर गँवा कर भुगतना पड़ा, इसलिए उस गलती को दोहराना नहीं चाहते. कैराना में विश्व हिन्दू परिषद् के कार्यकर्त्ता दलितों के घर-घर जाकर बीजेपी को वोट देने की मांग कर रहे है.
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