उज्जैन/ब्यूरो। गुरूवार को कालिदास संस्कृत अकादमी के पं.सूर्यनारायण व्यास संकुल सभागृह में छत्तीसगढ़ राज्य की राज्यपाल अनुसुईया उईके के मुख्य आतिथ्य में सप्तदिवसीय अखिल भारतीय कालिदास समारोह-2022 का समापन कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के सारस्वत अतिथि रामानुजकोट के पीठाधीश्वर स्वामी रंगनाथाचार्यजी महाराज थे।
समापन समारोह में शामिल होने के पूर्व छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री उईके के द्वारा महाकवि कालिदास की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया। साथ ही कालिदास की कृति विक्रमोर्वशीयम से अनुप्राणित चित्र एवं मूर्ति कलाकृतियों की राष्ट्रीय प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया। समापन समारोह में अतिथियों द्वारा महाकवि कालिदास और पं.सूर्यनारायण व्यास के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर और पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ किया गया। इसके पश्चात शासकीय माधव संगीत महाविद्यालय के विद्यार्थी और स्टाफ द्वारा मंगलाचरण और मध्य प्रदेश गान का गायन किया गया। कालिदास संस्कृत अकादमी के प्रभारी निदेशक डॉ.संतोष पण्ड्या ने कालिदास समारोह-2022 के अन्तर्गत आयोजित किये गये विभिन्न कार्यक्रमों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के सारस्वत अतिथि स्वामी रंगनाथाचार्यजी महाराज ने कहा कि अखिल भारतीय कालिदास समारोह में महाकवि कालिदास की रचनाओं पर आधारित जो सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए, वे वास्तव में प्रशंसनीय है। महाकवि कालिदास ने भारतीय संस्कृति की रक्षा काव्य के माध्यम से प्रस्तुत की है। भारतीय संस्कृति की सुन्दर सनातन व्यवस्था का पालन वर्तमान समय में बहुत आवश्यक है। महाकवि कालिदास की रचनाओं को पढ़कर हम सभी भारतीय संस्कृति के गौरवशाली इतिहास के बारे में जानें और इसका संरक्षण करें। जीवों पर दया करें। उन्होंने कहा कि कालिदास की रचनाओं में मानव जीवन जीने की सुन्दर प्रणाली है।
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