कलयुग में हमने रावण के बारे में कुछ कथाएं सुनी हैं और उनमें हमने यही पाया है कि रावण ने माता सीता का अपहरण किया था और उसके बाद उन्हें लंका ले गया था. इसके अलावा वो भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त था और बहुत ज्ञानी भी लेकिन उसके एक कार्य ने उसे कलयुग में एक बुरा उदाहरण दे दिया. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो रावण को मानते भी हैं और उनकी पूजा भी करते हैं. आज ऐसे ही एक जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में आपको शायद ही जानकारी होगी. लेकिन इस जगह पर सगे भाई बहन नहीं जा सकते, इसके पीछे एक बड़ी वजह है.
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दरअसल, उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में कालपी नाम की एक जगह है जहां पर लंका मीनार नाम की एक मीनार है जिसे मथुरा प्रसाद ने बनवाया है. 210 फ़ीट ऊँची इस मीनार में जा कर देख सकते हैं कि रावण और उसके पूरे परिवार की प्रतिमा लगी हुई हैं. अब बता दें, कि ये मीनार मथुरा प्रसाद ने इसलिए बनवाया क्योंकि रामलीला में रावण का किरदार निभाते थे. कई सालों तक यही काम करने पर उनकी पहचान भी इसी से जुड़ गई थी और इसी के चलते उन्होंने इस मीनार का निर्माण कर दिया. यह मीनार 1857 में बनी थी जिसे बनाने में करीब 20 साल लगे और उस ज़माने में 1 लाख 75 हजार रुपये से ज्यादा का खर्च आया था.
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आगे आप देख सकते हैं इस मीनार के परिसर में एक शिव मंदिर भी है जो इस तरह बनाया है कि भगवान शिव हमेशा ही रावण के सामने हो और उसे भगवान के दर्शन होते रहें. यहां 100 फीट के कुंभकर्ण और 65 फुट ऊंचे मेघनाथ की प्रतिमाएं भी लगी हैं. इस मीनार की अजीब बात ये है कि इस पर चढ़ने के लिए सात बार परिक्रमा करनी पड़ती है और ये सात परिक्रमा शादी के सात फेरे के बराबर माने जाते हैं. इसलिए यहां पर सगे भाई बहन का जाना मना है.
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