आप सभी को बता दें कि चैत्र मास में शुक्ल पक्ष एकादशी को कामदा एकादशी कहा जाता है और यह हिंदू संवत्सर की पहली एकादशी है. ऐसे में कहते हैं कि कामदा एकादशी के समान कोई अन्य व्रत नहीं हो सकता है और कामदा एकादशी को भगवान श्री हरि विष्णु का उत्तम व्रत कहा गया है. आप सभी को बता दें कि यह व्रत बहुत ही फलदायी है और इस कारण इस एकादशी को फलदा एकादशी भी कहा जाता है. कहा जाता है कामदा एकादशी का व्रत रखने से प्रेत योनि से मुक्ति मिलती है और इस व्रत में अपने मन को संयमित रखकर भगवान विष्णु की आराधना करें.
ऐसे में भगवान श्री हरि विष्णु को फल, फूल, दूध, तिल, पंचामृत अर्पित करना चाहिए और एकादशी व्रत की कथा अवश्य सुनना चाहिए. आप सभी को बता दें कि इस व्रत में कथा पढ़ने या कथा का श्रवण करने से वाजपेय यज्ञ का फल प्राप्त होना शुरू हो जाता है और इस व्रत में रात्रि में भगवान श्री हरि विष्णु का भजन-कीर्तन करते हुए जागरण करना चाहिए. इसी के साथ द्वादशी के दिन ब्राह्मण या किसी गरीब को भोजन कराना चाहिए.
कहते हैं यह एकादशी मनोवांछित फल प्रदान करने वाली है और इस व्रत में विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें. ध्यान रखे कि इस व्रत में चावल और अन्य अनाज का उपयोग न करें और पति और पत्नी दोनों को एक साथ भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा करें. इससे लाभ होगा और आपस में प्रेम बढ़ेगा.
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