भोपाल: मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार पर भविष्य में किसी तरह का संकट न आ जाए, इस लिए सूबे के सीएम कमलनाथ ने एक फार्मूला तैयार किया है, जिसके तहत उन्होंने मुख्य नेताओं के कोटे के मंत्रियों को हटाने की रणनीति बनाई है, ताकि सरकार को समर्थन देने वाले गैर कांग्रेसी विधायकों को मंत्री पद दिया जा सके.
कमलनाथ ने इसकी इजाजत के लिए संयुक्त प्रतिशील गठबंधन (संप्रग) की चेयरपर्सन सोनिया गांधी को पत्र भी लिखा है. प्रदेश में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है. कांग्रेस की कमलनाथ सरकार बहुजन समाज पार्टी (बसपा), समाजवादी पार्टी (सपा) और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से चल रही है. वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता निरंतर बयानबाजी करते हुए सरकार को गिराने की बात कह रहे हैं. इसका एक कारण सरकार को समर्थन देने वाले विधायकों की बीच-बीच में सामने आने वाली नाराजगी भी रहा है.
आपको बता दें कि राज्य सरकार में कुल 28 मंत्री हैं. इसमें कमलनाथ कोटे के 10 और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह व पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के कोटे से सात-सात मंत्री हैं. विधायकों की तादाद के आधार पद अभी छह सदस्यों को और कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है, मगर कमलनाथ खाली पदों को भरने के स्थान पर नेताओं के कोटे के मंत्रियों की संख्या कम करना चाहते हैं.
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