भोपाल: मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने तीनों कृषि कानूनों को किसानों के लिए हितकर कहा है। हाल ही में दिए एक बयान में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह आग्रह किया है कि वह किसी के दवाब में आए बिना कृषि सुधार कानूनों को जारी रखें। जी दरअसल कमल पटेल ने एक बयान जारी किया है और इस बयान में उन्होंने सरकार के साथ चल रही बातचीत से समाधान निकालने के बजाय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े संगठनों को किसान संगठन मानने से ही इनकार कर दिया।
उन्होंने अपने बयान में प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया है कि 'वह किसी के दवाब में न आएं और किसानों के हितों का ध्यान रखते हुए तीनों कृषि कानूनों को जारी रखें।' केवल यही नहीं बल्कि कृषि मंत्री कमल पटेल ने हड़ताली संगठनों के अड़ियल रवैये पर भी हैरानी जताई और कहा कि, 'दरअसल यह संगठन किसानों के हैं ही नहीं, ये वो विरोधी ताकते हैं जो नहीं चाहतीं कि किसानों का भला हो।'
इसी के साथ उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को किसान हितैषी बताया और कहा, 'आजादी के बाद पहली बार किसानों को सम्मान निधि देने की पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की, जिसकी मांग खेती में नुकसान के बाद भी कभी किसान संगठनों ने नहीं की थी।' वैसे हम आपको यह भी बता दें कि सरकार और किसानों के बीच बीते शुक्रवार को 11वें दौर की बातचीत हुई थी लेकिन अब तक कोई भी समाधान नहीं निकल पाया है। वहीं अगली बैठक की कोई तारीख तय नहीं हो पाई है।
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