उत्तर प्रदेश: UP के कानपुर में घाटमपुर विधानसभा सीट के लिए पूर्व मंत्री कमलरानी वरुण की पुत्री स्वप्निल वरुण को बीजेपी से टिकट नहीं मिला। अब वह इस बात से आहत हैं और उन्होंने हाल ही में अपना दुःख दर्द बयां किया है। एक मीडिया रिपोर्ट्स में यह बताया गया है कि एक बातचीत के दौरान स्वप्निल वरूण ने कहा, ''मेरी मां भाजपा की समर्पित सिपाही थी। उन्होंने तमाम मुश्किलों के बावजूद तीन दशक से अधिक समय तक पा की निष्काम भाव से सेवा की है। कोरोना संक्रमण की परवाह किये बगैर वह क्षेत्र की जनता की सेवा में लगी रही और अपनी जान तक दे दी।''
इसी के साथ उन्होंने आगे यह भी कहा कि, ''माता पिता के गुजर जाने के बाद भाजपा के नेता श्रद्धाजंलि अर्पित करने घर आए और आश्वासन दिया कि भाजपा मुझे माता पिता दोनो का प्यार देगी और मुझे मां के अधूरे सपनो को पूरा करने का अवसर दिया जायेगा। माँ की राह पर चलने के लिये मै पूरी तरह तैयार थी और जनसंपर्क भी करने लगी थी लेकिन पार्टी के उम्मीदवारों की सूची में अपना नाम न देखकर बहुत मायूसी हुयी। भाजपा ने आज मुझे पूरी तरह अनाथ कर दिया।''
आप सभी को हम यह भी बता दें कि कोरोना संक्रमण के कारण उत्तर प्रदेश कैबिनेट मंत्री और कानपुर के घाटमपुर से विधायक कमल रानी वरुण की मौत हो गई थी। 18 जुलाई को वह कोरोना पॉजिटिव पाईं गईं थीं और उसके बाद ही उन्हें लखनऊ पीजीआई में भर्ती करवाया गया था लेकिन वह बच न सकी।
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