देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की पत्नी और स्वतंत्रता सेनानी कमला नेहरू (Kamla Nehru) के बारे में काफी कम लिखा गया है। वैसे ही जैसे फिरोज गांधी (Feroze Gandhi) के बारे में कम बात होती है। किन्तु यदि इतिहास के गर्त में जाकर देखें तो इन दोनों में बहुत समानतायें थीं। जिनको बाद में कुछ किस्से-कहानियों में प्रेम संबंध भी कहा गया। सबको पता है कि फिरोज गांधी केवल इंदिरा गांधी के साथ प्रेम नहीं करते थे। उनका विवाह होने के बाद भी कई लड़कियों के साथ संबंध रहा। एक बार तो जवाहर लाल नेहरू को खुद आकर फ़िरोज़ को समझाना पड़ा था। वहीं, कई किस्सों में यह भी कहा गया कि फिरोज गांधी और कमला नेहरू (Kamala Nehru and Feroze Gandhi: A Love Affair) एक-दूसरे को प्रेम करते थे।
6 अप्रैल 1930 महात्मा गांधी ने पूरे देश में अंग्रेजों के खिलाफ एक आंदोलन छेड़ दिया था, देश के कोने-कोने में आंदोलन होने लगे। तब इलाहाबाद मे कमला नेहरू बिस्तर और बीमारी को छोड़कर इस आंदोलन की अगुवाई करने लगीं। वे इलाहाबाद में अंग्रेजों द्वारा संचालित क्रिश्चियन स्कूल के सामने ही धरना प्रदर्शन कर रहीं थीं। लेकिन कड़क धूप ने बीमार कमला को बेहोश कर दिया। तब एक शख्स था, जिसने कमला नेहरू की मदद की, वही आगे चलकर नेहरू परिवार का दामाद बनने वाला था। वो नवयुवक, खूबसूरत कमला से पलक झपकते ही प्रभावित हो गया था। जो उस दौर में एक प्रखर आंदोलनकारी बन चुकी थीं। इसके बाद फ़िरोज़ काॅलेज छोड़कर कांग्रेस के नियमित सदस्य बन गए और हर दिन आनंद भवन आने-जाने लगे। कमला नेहरू ने फिरोज के लिए मानो नई दुनिया के दरवाजे खोल दिए थे। तब कमला और फिरोज के प्रेम संबंधों की चर्चाएं आम हो गई। उन दिनों कमला नेहरू जवाहरलाल नेहरू के अन्य महिलाओं के साथ नाजायज रिश्तों, जिसमे उनका एडविना बेटन से संबंध भी शामिल था, से अक्सर नाराज और दुखी रहती थीं। शायद इसीलिए, कमला अपने से 12 साल छोटे फ़िरोज़ के करीब आती चली गईं। हालांकि, जवाहर लाल नेहरू ने इन ख़बरों को खारिज कर दिया था। इन खबरों के बाद भी फिरोज गांधी का आना-जाना लगा रहा और फिरोज-कमला के प्रेम प्रसंग की ख़बरें भी उड़ती रहीं।
खुद फिरोज के दोस्त, निखिल चक्रवर्ती का कहना था कि फिरोज "महिलाओं के मामले में बहुत ढीले थें", " इंग्लैंड में फ़िरोज़ की एक प्रेमिका थी, जब वह हर सप्ताहांत इंदिरा से मिलने जाते थे, तब भी उनका उस महिला के साथ समानांतर रिश्ता चलता रहा। कहा जाता है कि समय गुजरता गया और फिरोज गांधी, कमला नेहरू के साथ-साथ इंदिरा गांधी के भी करीब आते गए। कुछ दिनों के बाद जब फिरोज और इंदिरा गांधी ने शादी करने का फैसला किया, तब जवाहर लाल नेहरू से अधिक इस बात का विरोध खुद कमला नेहरू ने किया था। उनके विरोध की वजह भी आसानी से समझी जा सकती है। ऐसा नही था कि इंदिरा गांधी को फ़िरोज़ के रिश्तों के बारे में पता नही थी। यहां तक कि वे अपनी मां और फिरोज के रिश्तों के बारे में भी जानती थीं, लेकिन वह क्यों चुप रहीं, इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिलता।
कमला नेहरू के संपर्क में आने से लेकर 1935 में कमला नेहरू की सेहत बिगड़ने और उनके उपचार के लिए पहले उन्हें जर्मनी स्थित सैनिटोरियम ले जाने और फिर स्विट्जरलैंड के लॉसस्ने जाने तक, फिरोज गांधी पूरे समय कमला नेहरू के साथ रहें। 1936 में लॉसस्ने, स्विट्जरलैंड में कमला नेहरू की टीबी की बीमारी से मौत हो गई। उस समय भी फिरोज गांधी वहीं थें। कमला नेहरू की मृत्यु के साथ हीं कमला नेहरू और फिरोज गांधी का वह बहुचर्चित संबंध अपने अंत पर पहुंच गया और 1942 में फ़िरोज़ ने इंदिरा से विवाह कर लिया।
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