नई दिल्ली: बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत द्वारा 1947 में भारत की आजादी के संदर्भ में “भीख में मिली आजादी” वाले दिए गए बयान को लेकर वह कानूनी मुश्किल में फस चुकी है. कंगना के इस विवादित बयान के उपरांत अब बाद अब मुंबई कांग्रेस के महासचिव की तरफ से उन्हें लीगल नोटिस भेज दिया या है. नोटिस में बोला गया है कि कंगना का यह बयान राष्ट्रीय गरिमा के विरुद्ध और असंवैधानिक है. वह अपने बयान को वापस लेते हुए माफी मांग लें, वरना उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाने वाली है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मुंबई कांग्रेस महासचिव भारत सिंह ने अपने वकील आशीष राय और अंकित उपाध्याय के माध्यम से कंगना को यह कानूनी नोटिस भी जारी कर दिया गया है. नोटिस में बोला गया है कि कंगना रनौत ने दुनिया भर में प्रसारित इंटरव्यू के द्वारा गैर जिम्मेदाराना बयान दे डाला है जिसका न केवल राष्ट्रीय गरिमा और भारतीय नागरिकों के सम्मान को बहुत ही बुरी तरह से प्रभावित किया है, बल्कि महान पूर्व स्वतंत्रता सेनानियों, महान पूर्व स्वतंत्रता नायकों और पूर्व नेताओं की गरिमा और सम्मान को भी ठेस पहुंची है.
नोटिस में कहा गया है कि यह बयान राष्ट्रीय गरिमा के विरुद्धऔर असंवैधानिक है. बयान की तुलना देश में दंगों और दहशत की स्थिति को बढ़ावा देने के लिए कर दी गई है. कानूनी नोटिस में बोला गया है कि एक्ट्रेस 14 दिनों के भीतर सामाजिक मंच का उपयोग करके अपने शब्दों को जल्द से जल्द वापस लें और राष्ट्रीय गरिमा के विरुद्ध की गई अपनी गलतियों में सुधार करना चाहिए. ऐसा न करने पर आपके विरुद्ध उचित कानूनी कार्रवाई की जाने वाली है. दरअसल, हाल ही में एक टीवी साक्षात्कार के बीच कंगना द्वारा कहा गया था कि 1947 में मिली आजादी असल में भीख थी और असली आजादी हमें वर्ष 2014 में मिली है जब पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार आई.
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