नई दिल्ली: पूर्व कानून मंत्री और कांग्रेस में 40 वर्षों तक सेवाएं देने वाले वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने शनिवार को आरोप लगाया कि ब्रिटिश काल के भारतीय दंड संहिता (IPC) की जगह लाया जा रहा भारतीय न्याय संहिता विधेयक (BNS), "राजनीतिक उद्देश्यों के लिए क्रूर पुलिस शक्तियों" के उपयोग की अनुमति देता है। उन्होंने यह भी दावा किया कि ऐसे कानून लाने के पीछे सरकार का एजेंडा "विरोधियों को चुप कराना" है।
Bharatiya Nyaya Sanhita(2023)(BNS)
— Kapil Sibal (@KapilSibal) August 12, 2023
Allows for using draconian police powers for political ends
BNS :
Allows for police custody from 15 upto 60 or 90 days
New offences for prosecuting persons who threaten the security of state( redefined)
Agenda :
To silence opponents
बता दें कि, आपराधिक कानूनों में आमूल-चूल बदलाव करते हुए केंद्र ने शुक्रवार को लोकसभा में IPC, आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को बदलने के लिए तीन विधेयक पेश किए, जिनमें अन्य चीजों के अलावा राजद्रोह कानून को निरस्त करने और अपराध की व्यापक परिभाषा के साथ एक नया प्रावधान पेश करने का प्रस्ताव है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने IPC की जगह भारतीय न्याय संहिता (BNS) विधेयक, 2023 पेश किया; CrPC को बदलने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) विधेयक, 2023; और भारतीय साक्ष्य (BS) विधेयक, 2023 जो भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेगा। एक ट्वीट में, राज्यसभा सांसद और पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि, "भारतीय न्याय संहिता (2023) (BNS) राजनीतिक उद्देश्यों के लिए कठोर पुलिस शक्तियों का उपयोग करने की अनुमति देता है।" उन्होंने कहा, "BNS: 15 से 60 या 90 दिनों तक की पुलिस हिरासत की अनुमति देता है। राज्य की सुरक्षा को खतरा पहुंचाने वाले व्यक्तियों पर मुकदमा चलाने के लिए नए अपराध (पुनर्परिभाषित)। इसका एजेंडा विरोधियों को चुप कराना है।"
बता दें कि, BNS विधेयक मौजूदा प्रावधानों में कई बदलावों का प्रावधान करता है, जिसमें मानहानि और आत्महत्या का प्रयास शामिल है, और "धोखेबाज तरीकों" का उपयोग करके यौन संबंध से संबंधित महिलाओं के खिलाफ अपराधों के दायरे का विस्तार करता है। अमित शाह ने कहा है कि त्वरित न्याय प्रदान करने के लिए बदलाव किए गए हैं। धोखा देकर महिलाओं का शोषण करने वालों को इसमें 10 साल जेल का प्रावधान किया गया है, जिसे लव जिहाद से भी जोड़कर देखा जा रहा है। क्योंकि, अक्सर लव जिहाद के मामलों में झूठी पहचान बताकर लड़कियों के शोषण करने की बातें सामने आती हैं। साथ ही नए कानून में रेप और गैंगरेप के लिए मृत्युदंड की सिफारिश की गई है।
लव जिहाद के खिलाफ कानून ? अमित शाह ने लोकसभा में पेश किए तीन बिल, 10 साल की सजा का प्रावधान