जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट प्रतिबंध पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि इससे क्षेत्र में सूचनाओं का प्रवाह बहाल हो जाएगा. कांग्रेस नेता ने शीर्ष कोर्ट की इस व्यवस्था को मार्गदर्शक बताया जिसमें कहा गया है कि भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ ही वैचारिक मतभेद दबाने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा आदेश का अनिश्चितकाल तक इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.
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अपने बयान में कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री यह याद रखें कि देश संविधान के आगे नतमस्तक है न कि उनके आगे. सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार की गैरकानूनी गतिविधि को बड़ा झटका दिया है.पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि अनिश्चितकाल तक इंटरनेट प्रतिबंध और धारा 144 का अनियंत्रित इस्तेमाल लोकतंत्र में स्वीकार्य नहीं है.'
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इसके अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि कश्मीर की हालत को लेकर लोगों के मन में संदेह था. पूरे कश्मीर में धारा 144 लागू थी, इंटरनेट, संचार बंद था, इसलिए हमने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ट्विटर पर बाढ़ आ गई. एक यूजर ने ट्वीट किया, 'कोर्ट द्वारा कश्मीर में इंटरनेट का अधिकार बताने को आप सांस लेने के अधिकार की तरह देख सकते है. आप पांच महीने से आक्सीजन से वंचित हैं, इसलिए एक सप्ताह और रुकिए. यह देखेंगे कि रोगियों को आक्सीजन की जरूरत है, फिर हम फैसला लेंगे.'
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