नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय में मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट बनाने के मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक अब्दुल्ला आज़म की तरफ से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने अदालत में माना कि अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र जारी हुए थे। उन्होंने अदालत में दलील दी कि पासपोर्ट अधिकारी ने भी इन प्रमाण पत्रों को माना है। ये फर्जीवाड़ा नहीं है।
वहीं, शीर्ष अदालत ने कहा कि दूसरा सर्टिफिकेट आपके हलफनामे के आधार पर जारी हुआ है। इस पर कपिल सिब्बल ने कहा कि, यह फर्जीवाड़ा नहीं है। जब हम मान रहे हैं कि, दो सर्टिफिकेट जारी हुए हैं। इस मामले में आरोप तय हो चुके हैं। चार्जशीट दायर हो चुकी है। इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने सिब्बल से सवाल किया कि, जो चार्जशीट दाखिल हुई है, क्या आपके पास उसकी कॉपी है? इस पर सिब्बल ने कहा कि चार्जशीट की कॉपी एक सप्ताह में दाखिल कर दी जाएगी। ऐसे में एक सप्ताह का समय दिया जाए। जिसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई अगले सोमवार तक टाल दी है।
क्या है पूरा मामला ?
बता दें कि, 3 जनवरी 2019 को रामपुर के गंज पुलिस स्टेशन में भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। इसमें आरोप लगाया था कि आजम खान और उनकी पत्नी ने उनके बेटे अब्दुल्ला को दो फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट दिलवाने में मदद की। इनमें एक प्रमाण पत्र लखनऊ से और दूसरा रामपुर से बनवाया गया है। फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में अब्दुल्ला, आजम खान और उनकी पत्नी को आरोपी बनाया गया है। यही नहीं अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दो पासपोर्ट और दो पैन कार्ड रखने के इल्जाम में भी मुकदमा चल रहा है। यह मामला MPMLA कोर्ट में लंबित है।
'बढ़ती आबादी किसी मजहब की समस्या नहीं..', जनसँख्या पर नकवी का बड़ा बयान
'आबादी बढ़ने से अराजकता नहीं होती..', जनसँख्या नियंत्रण पर योगी को अखिलेश ने दिया ज्ञान
'लालू को AIIMS में नहीं करने दिया गीता पाठ', तेज प्रताप बोले- 'इसी जन्म में मिलेगी महापाप की सजा'