गुवाहाटी: सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल के विवादास्पद दावे के बाद कि असम मूल रूप से म्यांमार का हिस्सा था, कांग्रेस नेता देबब्रत सैकिया ने माफी मांगने का आह्वान करते हुए कहा है कि सिब्बल की टिप्पणियों ने इतिहास को विकृत कर दिया है। असम में विपक्ष के नेता सैकिया ने पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल को पत्र लिखकर स्पष्टीकरण की मांग की और असम के इतिहास के गलत प्रतिनिधित्व पर निराशा व्यक्त की।
पत्र में सैकिया ने बताया कि सिब्बल द्वारा असम के इतिहास का गलत चित्रण दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे असम के गौरव और प्रतिष्ठा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। उन्होंने सुझाव दिया कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद और एएएमएसयू जैसे संगठनों की गलत सूचनाओं ने सिब्बल की गलतफहमी में योगदान दिया हो सकता है, उन्होंने सिब्बल से ऐसे बयान देने से पहले डेटा की जांच करने का आग्रह किया। नाज़िरा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक और असम के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत हितेश्वर सारिकिया के बेटे सैकिया ने इस दावे का खंडन किया कि असम म्यांमार का हिस्सा था। उन्होंने अहोम साम्राज्य के शासन और औपनिवेशिक युग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया, "असम का इतिहास ऑस्ट्रोएशियाटिक, तिब्बती-बर्मन (चीन-तिब्बती), ताई और इंडो-आर्यन संस्कृतियों के संगम का इतिहास है।"
Assam Congress Legislative Party Leader Debabrata Saikia has written a letter to Kapil Sibal to apologize publicly to people of Assam. Sibal, who was a Union Minister several times during Congress govt, had himself said in Supreme Court that Assam was under Myanmar in the past. pic.twitter.com/L3ypEAEnE7
— Nandan Pratim Sharma Bordoloi (@NANDANPRATIM) December 9, 2023
कांग्रेस नेता ने जोर देकर कहा कि, "इसलिए, असम कभी भी म्यांमार का हिस्सा नहीं था और आप जैसे वरिष्ठ राजनेता की इस टिप्पणी ने असम के मूल लोगों के गौरव और भावना को ठेस पहुंचाई है।" सैकिया ने कपिल सिब्बल से सुप्रीम कोर्ट में की गई टिप्पणियों को वापस लेने और असम के लोगों से सार्वजनिक माफी मांगने का आह्वान किया। बता दें कि, कपिल सिब्बल ने 7 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता कानून की धारा 6ए को चुनौती देने वाली याचिकाओं का विरोध करते हुए विवादित टिप्पणी की थी। सिब्बल ने कहा था कि असम का इतिहास जटिल है और वो मूल रूप से भारत का हिस्सा नहीं था, बल्कि असम मूल रूप से म्यांमार का हिस्सा था, जिसे 1824 में एक संधि के बाद अंग्रेजों को सौंप दिया गया था।
सैकिया का पत्र सिब्बल से बयान वापस लेने और असम के इतिहास की गलत बयानी के लिए सार्वजनिक माफी मांगने के अनुरोध के साथ समाप्त होता है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पहले सिब्बल की आलोचना करते हुए कहा था कि जो लोग इतिहास नहीं जानते उन्हें ऐसे बयान देने से बचना चाहिए।
छत्तीसगढ़ का सीएम कौन ? नक्सल प्रभावित राज्य में भाजपा के प्रतिनधिमंडल का मंथन जारी
UAE की बैंकों से 340 करोड़ की धोखाधड़ी, केरल के अब्दुरहिमान पर ED का शिकंजा