कारगिल युद्ध का वो दिल दहला देने वाला नज़ारा आज भी लोगों के जहन में बसा हुआ हैं, उस समय को याद करके आज भी हर भारतीय का खून खोल उठता है. यही नहीं बल्कि आज से करीब 19 साल पहले लगी वो आग आज भी बुझी नहीं है.
आज का दिन हर भारतीय के लिए गर्व करने का दिन है क्योंकि आज ही के दिन यानिकि 26 जुलाई को विजय प्राप्त कर कारगिल की बर्फ से ढंकी सफ़ेद पहाड़ी पर हमारे योद्धाओं ने तिरंगा फहराया था और आज इस दिन को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है.
आज हम आपको इस युद्ध से जुड़े उन दो योद्धाओं के बारे में बताएँगे जो अपने वतन के खातिर हंसते- हंसते शहीद हो गए थे. कैप्टन अनुज नैय्यर जाट रेजिमेंट की 17वीं बटालियन में थे. वह 7 जुलाई 1999 को टाइगर हिल पर दुश्मनों को मार गिराकर शहीद हो गए थे. कैप्टन अनुज नैय्यर को सरकार ने मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया था.
ठीक इसी तरह कैप्टन एन केंगुर्सू राजपूताना राइफल्स के 2री बटालियन में थे और वह युद्ध के दौरान 28 जून 1999 को दुश्मनों का खत्म कर शहीद हो गए थे. कारगिल युद्ध के दौरान दुश्मनों को पटखनी देने वाले इस योद्धा को भी मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया था. ढाई महीने चले इस युद्ध में हमारे कई वीर जवान शहीद हो गए. इन शहीदों के सामने आज भी हर सिपाही देश की रक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान करने की कसम खाते हैं.
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