नवरात्रि का पर्व चल रहा है और इस पर्व में माता रानी के नौ रूपों का पूजन किया जाता है। मातारानी के नौ रूप है और 52 शक्तिपीठ। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं कर्नाट शक्तिपीठ के बारे में। कहा जाता है इस शक्तिपीठ के स्थान के बारे में कुछ भी ज्ञात नहीं है। हालाँकि फिर भी यह मना जाता है इस शक्तिपीठ के कर्नाटक राज्य में स्थित होने की संभावना है।
जी दरअसल कर्नाटक राज्य में वैसे तो माँ दुर्गा के कई मंदिर हैं जो सभी माता को समर्पित हैं लेकिन पुराणों में वर्णित शक्तिपीठ किस स्थान पर है ये अभी भी अज्ञात है। आपको बता दें कि शक्तिपीठ महात्म्य के अनुसार जब श्री विष्णु ने माता सती के शरीर का विच्छेदन किया था, तब जिस जगह माता के दोनों कान गिरे वो कर्नाट शक्तिपीठ के नाम से जाना गया (जगह अज्ञात)। जी हाँ और कर्नाट शक्तिपीठ की शक्ति देवी ‘जयदुर्गा’ एवं भैरव ‘अभिरु’ हैं।
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वहीं कुछ विद्वानों का कहना है कि सम्भवतः ये माता की ही इच्छा है, जिसके कारण अभी भी उनके स्थान के बारे में भक्तों को कुछ पता नहीं चला है। हालाँकि हम यह कह सकते हैं कि माता किसी अज्ञात स्थान में तपस्यारत हैं और अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए शीघ्र ही पिंडी या मूर्ति रूप में प्रकट होंगी। आपको बता दें कि इसके अलावा यह भी कहा जाता है माता के अनेको मंदिर हैं जहाँ दर्शन करने से सभी काम सिद्ध हो जाते हैं और कर्नाटक में जितने मंदिर है सभी की अपनी-अपनी महिमा है।
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