नई दिल्ली: कर्नाटक के बेल्लारी जिला अस्पताल के प्रसूति वार्ड में 5 महिलाओं की मौत का मामला गंभीर हो गया है। इस घटना पर कर्नाटक सरकार और विपक्ष दोनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इसे गंभीरता से लेते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार में किसी भी ऐसी घटना की अनुमति नहीं दी जाएगी जो इंसान की जान के लिए खतरा बने।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडुराव ने भी इस घटना पर नाराजगी जताई और कहा कि जांच के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने विपक्षी बीजेपी पर राजनीति करने का आरोप लगाया, लेकिन यह भी कहा कि यदि वह गलत साबित होते हैं तो इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। घटना की जांच में पाया गया कि सभी प्रभावित महिलाओं को ऑपरेशन के बाद **रिंगर लैक्टेट** नामक दवा दी गई थी, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ी। कर्नाटक स्टेट ड्रग्स लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग की रिपोर्ट के अनुसार, इस दवा का इस्तेमाल उचित नहीं था। राज्य सरकार ने इस दवा की गुणवत्ता की जांच के लिए भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) को पत्र लिखा है। यह दवा आमतौर पर शरीर में द्रव संतुलन बनाए रखने के लिए उपयोग की जाती है।
9 से 11 नवंबर के बीच अस्पताल में 34 सीजेरियन ऑपरेशन हुए थे, जिनमें से 7 मामलों में जटिलताएं सामने आईं और 5 महिलाओं की मौत हो गई। मृतकों में से कुछ महिलाओं को पहले से अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी थीं। फिलहाल अन्य मरीजों का इलाज चल रहा है और वे धीरे-धीरे ठीक हो रहे हैं।
बीजेपी ने इस घटना को लेकर लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई है। पार्टी ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। इस साल अब तक राज्य में 327 गर्भवती महिलाओं की मौत हो चुकी है, जिससे सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि मामले की पूरी जांच की जाएगी और जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।