बैंगलोर : मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा शिवमोग्गा में उपायुक्त ऑफिस के बाहर विरोध प्रदर्शन बीते दिनों से जारी है. कार्यकर्ताओं का यह विरोध दस जुलाई से जारी है. आशा वर्कर प्रति महीने न्यूनतम वेतन 12,000 रुपये की मांग कर रही हैं.
कर्नाटक के ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर से जुड़े आशा कार्यकर्ताओं के एक ग्रुप ने काफी वक्त से अपने इस विरोध प्रदर्शन को जारी कर रखा है. ये भी बताया गया था कि उनका 12000 प्रति महीने वेतन संग वर्कर्स ने पीपीई किट की भी मांग की थी. विरोध प्रदर्शन के प्रारंभ में बताया गया कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी.के शिवकुमार ने आशा वर्कर्स का समर्थन किया. उन्हंने पार्टी की तरफ से हरसंभव साहयता करने की आशा जताई है. आपको बता दें कि सेंट्रल सरकार की तरफ से आशा कार्यकर्ता को हर माह छ हजार रुपये वेतन मिलता है.
एक रिपोर्ट के अणुसार, राज्य में 42 हजार आशा वोर्केर्स हैं. कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए कार्यकर्ताओं ने वारियर्स की तरह हर कार्य किया है और निरंतर कर रही हैं. इस दौरान की आशा वर्कर्स पर हमले की खबरें भी आई है. वहीं, हाल ही में दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने बोला था कि जान जोखिम में डालकर होम आइसोलेशन वाले कोरोना संक्रमितों की सेवा में जुटी दिल्ली की हजारों आशा कार्यकर्ताओं को बीते 4 माह से वेतन न दिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. सीएम अरविद केजरीवाल को खत लिखकर बिधूड़ी ने मांग की थी कि आशा कार्यकर्ताओं को प्रति महीने दिल्ली सरकार की ओर से निर्धारित न्यूनतम वेतन का भुगतान किया जाए.
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