कर्नाटक ने संतोष ट्रॉफी के गलाकाट फाइनल में दमदार प्रदर्शन करते हुए मेघालय को 3-2 से हराकर 54 वर्ष के उपरांत राष्ट्रीय चैंपियनशिप में जीत हासिल कर ली है। किंग फहद स्टेडियम पर शनिवार को खेले गये फाइनल में सुनील कुमार (दूसरा मिनट), बेकली ओरम (19वां मिनट) और रॉबिन यादव (42वां मिनट) ने विजेता टीम ने गोल भी दाग दिए। उपविजेता मेघालय के गोल ब्रोलिंगटन वारलार्पीह (8वां मिनट) और शीन स्टीवेन्सन स्फकटंग (60वां मिनट) ने दागे। कर्नाटक ने पिछली बार राष्ट्रीय फुटबॉल चैंपियनशिप 1968-69 में मैसूर के रूप में जीत ली। कर्नाटक ने पांच दशक का सूखा समाप्त करने के लिये मैच की दमदार शुरुआत भी कर दी थी।
लंबे थ्रो की बदौलत दूसरे मिनट में गोल करके कर्नाटक को जीत भी दिला दी है। कर्नाटक की खुशी हालांकि अधिक देर तक नहीं रही और मेघालय ने 8वें मिनट में एक पेनल्टी कॉर्नर भी प्राप्त कर लिया है। ब्रोलिंगटन ने स्पॉट किक को सफलतापूर्वक गोल में तब्दील करके स्कोर बराबर कर दिया। मेघालय को कुछ देर के उपरांत बढ़त लेने का मौका भी मिल गया है लेकिन फिगो सिंडाई का निशाना नेट में नहीं पहुंचा। कर्नाटक ने मेघालय की इस चूक का फायदा उठाकर गेंद को अपने कब्जे में ले लिया और 19वें मिनट में बेकली ने सुनील के पास की सहायता से गेंद को नेट में पहुंचा दिया।
पहला हाफ खत्म होने से पहले रॉबिन ने गोल करके कर्नाटक की बढ़त 3-1 कर दी। तमाम बाधाओं को पार करते हुए फाइनल में पहुंची मेघालय ने दूसरे हाफ में बेहतर फुटबॉल खेली, लेकिन वह कर्नाटक की बढ़त को समाप्त नहीं कर पाई। सेमीफाइनल में मेघालय का मैच-जिताऊ गोल करने वाले शीन ने यहां भी 60वें मिनट में स्कोर भी कर डाला, हालांकि यह उनकी टीम का आखिरी गोल था।
कर्नाटक ने जिसके उपरांत अपने चुस्त रक्षण से मेघालय को स्कोर बराबर करने का कोई मौका नहीं दिया और राष्ट्रीय चैंपियन का ताज अपने सिर सजा दिया है। इससे पूर्व, सर्विसेज ने कांस्य पदक मैच में पंजाब को 2-0 से हराकर संतोष ट्रॉफी में तीसरा स्थान अपने नाम किया है। शफील पी पी (सातवां मिनट) और क्रिस्टोफर कमेई (60वां मिनट) ने विजेता टीम के लिये गोल भी दाग दिए।
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