बैंगलोर: कर्नाटक में चुनावी कार्यक्रम की घोषणा हो चुकी है. इसी के साथ सूबे में सियासत भी तेज हो गई है. विपक्षी दल कांग्रेस, भाजपा को भ्रष्टाचार के मामले में घेर रही है. वहीं भाजपा सूबे की सत्ता में वापसी करने के लिए पूरी जान लगा रही है. राजधानी बेंगलुरु का चन्नागिरी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा MLA मदल विरुपक्षप्पा (Madal Virupakshappa) को लोकायुक्त अधिकारियों ने रिश्वत के मामले में अरेस्ट कर लिया है. विपक्षी इसे मुद्दा भी बना रहे हैं. शनिवार को कोर्ट ने उन्हें नौ दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
कोर्ट ने भाजपा MLA मदन विरुपक्षप्पा को बेंगलुरु सेंट्रल जेल भेज दिया है. इसी जेल में उनका बेटा प्रशांत भी कैद है. यानी कि पिता और बेटा अब एक जेल में कैद है. जिस अदालत ने पिता को जेल भेजा है, उसी ने कर्नाटक स्टेट ऑडिट एंड अकाउंट सर्विस ऑफिसर प्रशांत की जमानत याचिका पर अपना आदेश 10 अप्रैल तक के लिए सुरक्षित रखा है. इसके बाद आदेश सुनाया जाएगा. प्रशांत को भी लोकायुक्त ने रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार किया था.
बता दें कि, विधायक पुत्र प्रशांत को दो मार्च को अपने पिता के क्रिसेंट रोड दफ्तर में 40 लाख नकद के साथ पकड़ा गया था. बीते सोमवार को उच्च न्यायालय ने पिता की जमानत याचिका ठुकरा दी थी. इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. प्रशांत ने अदालत से जमानत मांगी थी. मगर, सरकार वकील ने इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि इस मामले ने न सिर्फ कोर्ट बल्कि जनता की अंतरात्मा को झकझोर दिया है. करप्शन का एक आरोपी मौजूदा MLA और उनका बेटा भी रिश्वतखोर. उन्होंने कोर्ट से निवेदन किया कि ऐसे मामलों में सख्ती बरती जाए.
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