कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने शुक्रवार को बताया कि कैबिनेट का विस्तार अगले हफ्ते तक हो सकता है। इस विस्तार के साथ ही सीएम बसवराज बोम्मई के पास से एक बड़ी जिम्मेदारी समाप्त हो गई है। हालांकि सब कुछ संतुलित करना तथा पार्टी के वफादारों, पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के सपोटर्स, प्रवासी विधायकों तथा येदियुरप्पा विरोधी गुट के मेंबर्स को समायोजित करना उनके लिए सरल काम नहीं होगा।
वही नए मंत्रियों को विधानसभा चुनावों से पूर्व अपना प्रदर्शन बताने के लिए मुश्किल से 21 माह शेष होंगे, बोम्मई की चुनौतियां बड़ी हो गई है। वर्तमान में, बोम्मई के कैबिनेट में कोई मंत्री नहीं हैं तथा मुख्यमंत्री को छोड़कर, उनकी सरकार में ज्यादातर 33 मंत्री सम्मिलित हो सकते हैं। पार्टी के एक सूत्र ने बताया कि यह नेतृत्व इस बार सिर्फ 8 प्रवासियों को सम्मिलित करने की मंजूरी दे सकता है। मगर यह ऐसा स्टैंड नहीं हो सकता है जिसके साथ येदियुरप्पा स्वयं जाएंगे।
आखिरकार, उन्होंने उन्हें ‘अपना वचन’ दिया है, सूत्र ने बताया। इसके अतिरिक्त मार्च में सेक्स सीडी केस में जल संसाधन मंत्री के पद से इस्तीफा देने के पश्चात् से बागी विधायकों का नेतृत्व करने वाले रमेश जारकीहोली मंत्रीमंडल में लौटने के लिए जोर-शोर से पैरवी कर रहे हैं। यह भी देखा जाना शेष है कि पार्टी लिंगायत के पंचमसाली उप-पंथ-बसनगौड़ा पाटिल यतनाल, अरविंद बेलाड तथा मुर्गेश निरानी के MLA को समायोजित करेगी, जिन्होंने येदियुरप्पा के वफादार सीसी पाटिल के अतिरिक्त मुख्यमंत्री पद के लिए कड़ी पैरवी की थी।
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