पीएम मोदी से मिले सीएम सिद्धारमैया, कर्नाटक के लिए माँगा अनुदान

पीएम मोदी से मिले सीएम सिद्धारमैया, कर्नाटक के लिए माँगा अनुदान
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बेंगलुरू: कर्नाटक के विकास से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री के सिद्धारमैया ने शनिवार को प्रधानमंत्री को एक विस्तृत पत्र सौंपा, जिसमें राज्य की प्रगति के लिए प्रमुख मांगों और प्राथमिकताओं को रेखांकित किया गया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने एक्स पर एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से इसकी घोषणा करते हुए कहा, "मुख्यमंत्री श्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को एक विस्तृत पत्र सौंपा, जिसमें कर्नाटक के विकास के लिए प्रमुख मांगों और प्राथमिकताओं पर प्रकाश डाला गया है। हमारे राज्य की प्रगति के लिए रचनात्मक सहयोग की आशा है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।"

एक्स पर एक अन्य पोस्ट में सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री के साथ अपनी बैठक का ब्यौरा देते हुए कहा, "मुख्यमंत्री श्री सिद्धारमैया ने आज दिल्ली में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के साथ रचनात्मक बैठक की। कर्नाटक के विकास और प्रगति से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई। राज्य के विकास और समृद्धि के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्धता जताई।" बैठक के दौरान सिद्धारमैया ने राज्य के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी देने का अनुरोध किया, जिनमें मेकेदातु बांध परियोजना, भद्रा अपर बैंक परियोजना और कलसा बंडूरी पेयजल परियोजना शामिल हैं।

उन्होंने विस्तार से बताया, "मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और राज्य की महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी देने का अनुरोध किया। 9,000 करोड़ रुपये की मेकेदातु बांध परियोजना, जो बेंगलुरु शहर को पीने का पानी उपलब्ध कराएगी और 400 मेगावाट बिजली पैदा करेगी, की मंजूरी केंद्रीय जल आयोग से लंबित है और प्रधानमंत्री से उक्त परियोजना में व्यक्तिगत रुचि लेने का अनुरोध किया गया।" मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से भद्रा अपर बैंक परियोजना के लिए 5,300 करोड़ रुपये जारी करने में तेजी लाने का भी आग्रह किया, जैसा कि केंद्र सरकार के बजट 2023-2024 में घोषित किया गया है, और कलसा बंडूरी पेयजल परियोजना के शीघ्र निपटान की सुविधा प्रदान की जाए। उन्होंने कहा, "किट्टूर कर्नाटक क्षेत्र के लोगों की लंबे समय से ड्रीम प्रोजेक्ट रही महादाई योजना के कारण पेयजल की समस्या का समाधान होगा।"

इसके अतिरिक्त, सिद्धारमैया ने बंगलौर शहर में भीड़भाड़ कम करने के लिए एक सुरंग के निर्माण के लिए धन की मांग की, जिसमें कर्नाटक सरकार और केंद्रीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के बीच सहयोग का प्रस्ताव रखा गया। सीएम कार्यालय ने एक्स पर पोस्ट में लिखा कि  "बंगलौर शहर में भीड़भाड़ कम करने के लिए 60 किलोमीटर लंबी सुरंग के लिए 3,000 करोड़ रुपये की लागत से, इस परियोजना के कई लाभ हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग 7 को राष्ट्रीय राजमार्ग 4 से जोड़ने वाली इस सुरंग का निर्माण कर्नाटक सरकार द्वारा केंद्रीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के सहयोग से किया जा सकता है, और केंद्रीय बजट के माध्यम से राज्य सरकार और एनएचएआई को धन देने का अनुरोध किया गया है

मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक परिवहन के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए धन की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "सार्वजनिक परिवहन की मांग बढ़ाने के लिए, बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने मेट्रो के तीसरे चरण के 44.65 किलोमीटर के निर्माण के लिए 15,611 करोड़ रुपये की डीपीआर केंद्र सरकार को सौंपी है, जो केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए लंबित है। जल्द से जल्द मंजूरी देने का अनुरोध किया। राज्य सरकार ने निजी सार्वजनिक भागीदारी के तहत 73.04 किलोमीटर लंबी अष्टपथ परिधीय रिंग रोड के निर्माण को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से केंद्रीय बजट में आवश्यक धनराशि निर्धारित करने का अनुरोध किया।"

इसके अलावा, सिद्धारमैया ने झीलों और परिधीय रिंग रोड के विकास के लिए 2021-26 की अवधि के लिए 15वें वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित 6,000 करोड़ रुपये के विशेष अनुदान का अनुरोध किया। उन्होंने केंद्र सरकार से कल्याण कर्नाटक के सात जिलों के विकास के लिए राज्य के 3,000 करोड़ रुपये के अनुदान के बराबर अनुदान देने और विकास आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत दिए जाने वाले अनुदान को बढ़ाने का भी आग्रह किया, जिससे योजना में नए कार्यक्रमों को शामिल करने में सुविधा हो। 

बता दें कि, इससे पहले कांग्रेस शासित कर्नाटक ने केंद्र सरकार से 11,000 करोड़ रुपए का विशेष पैकेज मांगा है। कांग्रेस सरकार ने 2024-25 वित्तीय वर्ष में चुनाव गारंटियों के लिए 52,000 करोड़ आवंटित किए हैं, ऐसे में उसके ख़ज़ाने पर बोध बढ़ा है और सरकार ने वित्तीय दबावों को कम करने के लिए केंद्र से 11,495 करोड़ मांगे हैं। इससे पहले सूखा राहत के लिए भी केंद्र सरकार ने ही राज्य सरकार को लगभग 3500 करोड़ दिए थे, राज्य सरकार की आर्थिक स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, उसे चुनावी गारंटियों को पूरा करने और अन्य कार्यों के लिए SCST फंड से 11000 करोड़ निकालने पड़े हैं।

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