कर्नाटक: क्या आप जानते है कि भारत के दूर-दराज के गावों में अंधविश्वास किस कदर आज भी लोगों के दिलों और दिमाग पर हावी है, इसकी एक बानगी गुरुवार यानी 26 दिसंबर 2019 को सूर्यग्रहण के दौरान देखी गई. जंहा जब परिजनों ने अपने दिव्यांग बच्चों को गर्दन तक दफना दिया. घटना कर्नाटक के कालाबुरागी ताजसुल्तानपुर गांव की है, जहां सूर्यग्रहण के लगने पर परिजनों अपने तीन दिव्यांग बच्चों को जमीन में गर्दन तक दफनाया. बताया गया कि दो घंटे से अधिक समय तक तीनों बच्चों को गड्ढे में दबाए रखा गया.
Karnataka: Three specially-abled children were buried up till the neck at Tajsultanpur village in Kalaburagi, during #SolarEclipse, earlier today as parents believed that their children will be cured of deformities by this. pic.twitter.com/8JncLKk4Xl
— ANI (@ANI) December 26, 2019
सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वहीं ग्रहण समाप्त होने के बाद ही बच्चों को वापस निकाला गया. जंहा माता-पिता का मानना था कि ऐसा करने से उनके बच्चे विकृति से ठीक हो जाएंगे. वहीं गांव के ही रहने वाले एक व्यक्ति से जब घटना का पता चला तो जनवादी महिला संगठन की एक महिला कार्यकर्ता अश्विनी ने इसके बारे में संबंधित अधिकारियों को सूचित किया.
जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि इसके बाद, पूर्व-विधायक बी आर पाटिल सहित कुछ लोगों की एक टीम मौके पर पहुंची और माता-पिता से बच्चों को बाहर निकालने के लिए कहा. वही हम यह भी बता दें कि भारत में सूर्य ग्रहण एक धार्मिक महत्व रखता है और इस अवसर पर विशेष पूजा अर्चना की जाती है. सूर्य ग्रहण गुरुवार सुबह लगभग 8:17 बजे शुरू हुआ और सुबह लगभग 11 बजे तक जारी रहा.
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