बैंगलोर: कर्नाटक की चित्तपुर सीट पर खरगे परिवार का कब्जा इस चुनाव में भी कायम रहा. कांग्रेस उम्मीदवार प्रियांक खरगे ने भाजपा प्रत्याशी मणिकांत राठौड़ को मात दी है. कर्नाटक चुनाव के शुरुआती दौर से ही चित्तपुर सीट सुर्खियों में रही है. इसका कारण यह है कि, इस सीट से मैदान में उतरे कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक खरगे. उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी करते हुए उन्हें ‘नालायक बेटा’ तक कह डाला था. इस सीट पर कांग्रेस से प्रियांक खरगे, भाजपा से मणिकांत राठौड़, जेडीएस से सुभाष चंद्र राठौड़ और आम आदमी पार्टी (AAP) से जगदीश सागर चुनाव लड़ रहे थे.
रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक की गुलबर्गा जिले की चित्तपुर विधानसभा सीट को लेकर परिवारवाद का मुद्दा भी उठा, क्योंकि प्रियांक से पहले 2008 में उनके पिता मल्लिकार्जुन खरगे ने इस सीट से जीत दर्ज की थी. चित्तपुर सीट का गणित बड़ा दिलचस्प रहा. 2008, 2013 और 2018 तक पिछले 3 चुनाव से भाजपा ने यहां से वाल्मीकि नाइक को मैदान में उतारा था. जो जीत के मामले में हमेशा दूसरे स्थान पर रहे. एक बार फिर जीत के बाद लगातार इस सीट पर खरगे परिवार का नियंत्रण हो गया है.
बता दें कि, 2008 में इस सीट पर मल्लिकार्जुन खरगे और 2013 और 2018 में प्रियांक खरगे ने जीत दर्ज की थी. प्रियांक इस साल तीसरी बार इस सीट से चुनावी दंगल में उतरे थे. इस साल भाजपा ने अपनी रणनीति बदलते हुए मणिकांत राठौड़ को चुनावी दंगल में उतारा था. वही, मणिकांत राठौड़ जिनके खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने FIR दर्ज कराने के लिए शिकायत दी थी. कांग्रेस का आरोप था कि भाजपा प्रत्याशी मणिकांत राठौड़ ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और उनके परिजनों को जान से मारने की धमकी दी है.
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